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Owaisi: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे वीडियो आया सामने, तो बौखलाए औवैसी, बताया इसे ‘झूठ और एडिटेड’

Owaisi: उन्होंने सबसे पहले मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, है और रहेगी। मतलब, साफ है कि उन्होंने कोर्ट के निर्देश पर हुए तीन दिनी सर्वे के उपरांत प्राप्त हुए उन तमाम साक्ष्यों निर्मूल बताने से भी परहेज नहीं किया है, जिससे वहां मंदिर होने की पुष्टि साफ जाहिर होती है ।

नई दिल्ली। ओवैसी के बारे में तो पता ही होगा आपको कि कैसे किसी ना किसी मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहते हैं। बर्दाश्त नहीं है उनको, किसी भी ऐसे मसले को अपने हाथ से जाने देना, जिससे की केंद्र की मोदी सरकार की क्लास न लगाई जा सकें। लेकिन, इस बार आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने मोदी सरकार की नहीं, बल्कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर जमकर बोला है और इसके साथ सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बावजूद भी सार्वजनिक हुए ज्ञानवापी के सर्वे वीडियो को लेकर भी अपना रोष जाहिर किया है। चलिए, आपको आगे की रिपोर्ट में सब कुछ विस्तार से बताते हैं।

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तो उन्होंने सबसे पहले मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, है और रहेगी। मतलब, साफ है कि उन्होंने कोर्ट के निर्देश पर हुए तीन दिनी सर्वे के उपरांत प्राप्त हुए उन तमाम साक्ष्यों को निर्मूल बताने से भी परहेज नहीं किया है, जिससे वहां मंदिर होने की पुष्टि साफ जाहिर होती है और रही बात न्यायपालिक कि तो हर बात पर संविधान की दुहाई देने वाले ओवैसी साहब ने तनिक भी अपने जुबां से यह कहने की जहमत नहीं उठाई कि मसला अभी न्यायपालिका में विचाराधीन है, तो कोर्ट के अंतिम फैसले का ही इंतजार कर लिया जाए। खैर, छोड़िए उन मसलों को। बात करते हैं कि आखिर उन्होंने अपने बयान में आगे क्या कुछ कहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बावजूद भी मीडिया में सर्वे के वीडियो चलाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने भी साफ कर दिया कि मीडिया में सर्वे से संबंधित वीडियो को बिल्कुल भी न चलाया जाए, लेकिन इसके बावजूद भी तमाम नियमों की अवहेलना की जा रही है। इस दौरान उन्होंने प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का भी जिक्र किया है। जिसमें यह प्रावधान है कि 1947 के बाद देश में स्थित तमाम धार्मिक स्थल को यथावत रहने दिया जाए, उसके स्वरूप में किसी भी प्रकार का परिवर्तन न किया जाए। अगर ऐसा है तो ये सरासर गलता होगा। इस कानून का हवाला पिछले काफी दिनों से ओवैसी देते आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत 1947 के बाद वहां मस्जिद थी, है और रहेगी।

कांग्रेस की भी लगाई क्लास

इसके साथ ही ओवैसी ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो कांग्रेस मुझ पर आरोप लगाने से थकती नहीं, लेकिन अभी गूंगी क्यों बनी हुई है। आखिर ये कानून भी तो कांग्रेस ही लेकर आई थी। इसके साथ ही उन्होंने सर्वे के वीडियो को भी झूठ और एडिटेड बताय़ा है। उन्होंनें कहा कि अगर वीडियो सच भी है, तो आखिर उसे पब्लिक डोमेन में लाने का क्या मतलब है। आगे उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर उनके वीडियो को कौन लीक कर रहा है। बहरहाल, अभी उनका यह बयान खासा सुर्खियों में है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन, अभी यह पूरा मसला कोर्ट में विचाराधीन है। हालांकि, इस पूरे मसले पर विगत दिनों सुनवाई हुई थी, लेकिन कोई सार्थक फैसला नहीं हो पाया है। अब सुनवाई की तारीख आगामी 4 जुलाई तय की गई है। ऐसी स्थिति में देखना होगा कि कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला आता है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम