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Politics: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कांग्रेस पर तीखा हमला, कहा- विपक्ष में रहना आता नहीं, सबको समझते हैं बेवकूफ

उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले ये कहकर नहीं बच सकते कि मीडिया उनको कवर नहीं करता। दरअसल, पार्टी के नेताओं को सत्ता में रहने की आदत हो गई है। लोग अब उनको सुनते नहीं हैं और इस वजह से वे खीज जाते हैं। पीके ने कहा कि फिलहाल कोई एक पार्टी बीजेपी से जीत नहीं सकती।

नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के साथ जाने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने इस पर पहले कहा था कि कांग्रेस जो रोल दे रही थी, वो उन्हें सुहा नहीं रहा था। अब राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर से ठीक पहले प्रशांत किशोर ने पार्टी पर तगड़ा हमला बोला है। अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने कहा कि कांग्रेस को विपक्ष में रहना नहीं आता है और उसके नेता मानते हैं कि सरकार को लोग खुद सत्ता से हटा देंगे और उन्हें सरकार बनाने का मौका मिल जाएगा।

sonia prashant kishore

पीके ने ये भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं की सोच है कि आप क्या जानते हैं, आपसे बेहतर हम जानते हैं, सबकुछ जानते हैं और लंबे समय तक सरकार में भी रहे हैं। प्रशांत ने कहा कि कांग्रेस देश की मुख्य विपक्षी पार्टी है और दशकों तक सरकार में रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सीखना होगा कि विपक्ष में कैसे रहा जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले ये कहकर नहीं बच सकते कि मीडिया उनको कवर नहीं करता। दरअसल, पार्टी के नेताओं को सत्ता में रहने की आदत हो गई है। लोग अब उनको सुनते नहीं हैं और इस वजह से वे खीज जाते हैं। चुनावी रणनीतिकार ने ये भी कहा कि फिलहाल कोई एक दल अकेले बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा किक 1950 से 1990 तक कोई एक दल कांग्रेस का भी मुकाबला नहीं कर पा रहा था। आने वाला वक्त भी ऐसे में पीके ने बीजेपी का ही माना।

prashant kishore

पीके ने कहा कि इमरजेंसी, बोफोर्स, मंडल आंदोलन, राममंदिर आंदोलन और अन्ना के आंदोलन ने लगातार कांग्रेस का वोट कम कराया। पार्टी ने इसे दोबारा हासिल करने की कोशिश भी ठीक से नहीं की। पीके ने कहा कि जनता को ये बताना होगा कि हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने एक सवाल पर ये भी कहा कि अगर आप जनता से जुड़े हैं, तो करिश्माई चेहरे की जरूरत भी नहीं है। इसका उदाहरण उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, ममता बनर्जी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के तौर पर दिया।