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Census: मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कराएगी जनगणना, गृहमंत्री अमित शाह का एलान, जानिए इसके क्या होंगे फायदे

देश में आखिरी बार जनगणना 2011 में कराई गई थी। हर 10 साल में जनगणना कराई जाती है, लेकिन 2021 में जनगणना नहीं कराई गई। दरअसल, जनगणना कराने के कई पैरामीटर का विपक्षी दलों ने विरोध किया था। वहीं, मोदी सरकार इस जनगणना को नए तरीके से कराने के बारे में बात कर रही थी।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को बड़ी जानकारी दी है। अमित शाह ने दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए बताया कि मोदी सरकार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी। उन्होंने कहा कि इस तरीके से हर नागरिक डिजिटल तरीके से खुद अपना डेटा सरकार को देगा। जिसकी तस्दीक बाद में अफसरों से कराई जाएगी। अमित शाह ने ये भी बताया कि मोदी सरकार एक बिल लाने के बारे में विचार कर रही है। इस बिल के तहत जन्म और मृत्यु के आंकड़ों को वोटर लिस्ट और सरकार की अन्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इससे नागरिकों को बहुत फायदा होगा।

Amit Shah

अमित शाह ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन को चुनाव आयोग सीधे हासिल करे और फिर मतदाता का नाम जोड़कर उसे वोटर आईडी पहुंचा दे या मृतकों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दे। उन्होंने कहा कि जनगणना में जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन का बहुत बड़ा रोल होता है। इन्हीं से देश के विकास की योजनाओं को बनाने में मदद मिलती है। इस तरह देखा जाए, तो पहली बार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराने का मोदी सरकार का इरादा काफी अहम माना जा रहा है। इससे लोग अपने मोबाइल या किसी साइबर कैफे के जरिए सरकार को अपने और परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी दे सकेंगे।

india gate

देश में आखिरी बार जनगणना 2011 में कराई गई थी। हर 10 साल में जनगणना कराई जाती है, लेकिन 2021 में जनगणना नहीं कराई गई। मोदी सरकार कई बार कह चुकी है कि वो राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तैयार करना चाहती है। हालांकि, तमाम विपक्षी दल इस तरह के रजिस्टर का विरोध करते रहे हैं। माना जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराने से सरकार के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तैयार करना भी आसान होगा। साथ ही अवैध तौर पर रहने वाले घुसपैठियों की जानकारी भी सरकार को मिल सकेगी।