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Mohan Bhagwat: अखंड भारत को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिया बड़ा बयान, कहा “जो इसके रास्ते में आएगा वो…”

Mohan Bhagwat: RSS प्रमुख ने कहा कि देश में सनातन धर्म का विरोध करने वाले जो तथाकथित लोग हैं, कहीं न कहीं भारत को अखंड बनाने में  उनका भी सहयोग है। अगर वो विरोध न करते तो हिंदू जाग नहीं पाता।

नई दिल्ली। अखंड भारत का एजेंडी सर्वोपरि रखने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के  प्रमुख मोहन भागवत ने अब इस एजेंडे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। लगभग 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बन जाएगा और ये हम सभी अपनी आंखों से यह देखने वाले हैं। उन्होंने आगे कहा कि संतों और से ज्योतिषों का भी कहना है कि 20 से 25 सालों में देश फिर से अखंड भारत बन जाएगा। लेकिन अगर हम सब मिलकर इस पर काम करें और इसे गति दें, तो 10-15 सालों में ही अखंड भारत बन जाएगा। मोहन भागवत बुधवार को कनखल के श्रीकृष्ण निवास एवं पूर्णानंद आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानंद गिरि की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और श्री गुरुत्रय मंदिर का लोकार्पण करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उन्होंने धर्म को लेकर लोगों को संबोधित किया। RSS प्रमुख ने कहा कि देश में सनातन धर्म का विरोध करने वाले जो तथाकथित लोग हैं, कहीं न कहीं भारत को अखंड बनाने में  उनका भी सहयोग है। अगर वो विरोध न करते तो हिंदू जाग नहीं पाता। उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत ऊपर उठेगा तो उसका माध्यम धर्म ही होगा। धर्म का प्रयोजन ही भारत का एकमात्र प्रयोजन है। धर्म का उत्थान होने से ही भारत का उत्थान होगा।

भागवत ने हरिद्वार में कहा, “भारत लगातार प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और इसके रास्ते में जो कोई भी आएगा, वो मिट जाएगा। हम अहिंसा की ही बात करेंगे, लेकिन हम ये बात हाथों में डंडा लेकर ही कहेंगे। हमारे में मन में किसी तरह का द्वेष या  शत्रुता भाव नहीं है, लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है, तो इसके लिए हम क्या करें।”

शिवसेना सांसद संजय राउत ने भागवत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आप निश्चित रूप से अखंड भारत बना लीजिए, लेकिन 15 साल का नहीं, 15 दिन का वादा कीजिए और पहले अखंड हिंदुस्तान बनाइए। उन्होंने आगे कहा कि अखंड हिंदुस्तान का सपना कौन नहीं देखता है? ये तो वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे का सपना था, तो इसके लिए सबसे पहले आप वीर सावरकर को भारत रत्न  से सम्मानित कीजिए।