लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस कांड (Hathras Case) को लेकर देश भर के लोगों काफी रोष है। 14 सितंबर को युवती के साथ घटी घटना को लेकर सभी पीड़िता को इंसाफ दिलाना चाहते हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मामला बढ़ा देख पुलिस ने आनन-फानन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इन सबके बीच आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर गांव में चार दिनों से पंचायत (Panchayat) कराने की बात चल रही थी। पंचायत में क्षेत्र के सवर्ण समाज (Swarna Samaj) के लोग भी इकट्ठा हुए। पंचायत के दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को निर्दोष बताया है।
वहीं सीएम योगी के सीबीआई जांच की सिफारिश वाले फैसले का सवर्ण समाज के लोगों ने स्वागत भी किया। शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि सीएम योगी के आदेश के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसके बाद हुई उसकी मौत के मामले की जांच पहले से ही एसआईटी कर रही है। राज्य सरकार ने इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का फैसला लिया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने अब इस केस को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।
पीड़िता के घर फिर पहुंची एसआईटी
हाथरस केस में एक तरफ जहां सियासत तेज है वहीं जांच एजेंसियां में भी तेजी है। रविवार को एक फिर एसआईटी टीम हाथरस पहुंची है। टीम हाथरस पीड़िता के घर पर परिवारवालों का बयान रिकॉर्ड कर रही है। इससे पहले घटना के बाद एसआईटी टीम मौक पर पहुंची थी। टीम ने कई बिन्दुओं पर जांच की थी और अपनी पहली जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपी थी। इसके बाद योगी सरकार ने मामले में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई थी।