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Sitharaman Attacks Obama: ‘उनके दौर में 6 मुस्लिम देशों पर 26 हजार बम गिराए गए’, वित्त मंत्री सीतारमण का बराक ओबामा पर पलटवार

निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि मैं सावधानी के साथ बोल रही हूं। हम अमेरिका के साथ अच्छी दोस्ती चाहते हैं, लेकिन वहां से भारत की धार्मिक सहिष्णुता के बारे में टिप्पणियां की जाती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि शायद उनके कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों में जंग के हालात बन गए थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हजारों बम तब गिराए गए थे।

नई दिल्ली। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा पर तीखा हमला बोला। निर्मला सीतारमण ने बीजेपी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओबामा का नाम लिए बगैर कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति भारत पर अंगुली उठा रहे हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में 6 इस्लामी देशों में अमेरिका की तरफ से युद्ध के हालात बने। सीतारमण ने कहा कि पूरे आंकड़े इस वक्त मेरे पास नहीं हैं, लेकिन अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति (ओबामा) के दौर में करीब 26000 बम इन इस्लामी देशों पर गिराए।

nirmala sitaraman

निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि मैं सावधानी के साथ बोल रही हूं। हम अमेरिका के साथ अच्छी दोस्ती चाहते हैं, लेकिन वहां से भारत की धार्मिक सहिष्णुता के बारे में टिप्पणियां की जाती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि शायद उनके कारण 6 मुस्लिम बहुल देशों में जंग के हालात बन गए थे। सीरिया से लेकर यमन, सऊदी अरब से लेकर इराक तक बमबारी नहीं हुई? निर्मला ने कहा कि जब ऐसे नेता भारत की धार्मिक सहिष्णुता पर बोलेंगे, तो उन्हें गंभीरता से कौन लेगा। निर्मला सीतारमण ने इस दौरान विदेश से भारत की मौजूदा सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे विरोधी अभियान और टूलकिट का भी जिक्र किया।

इससे पहले असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने ओबामा के बयान को आधार बनाकर मोदी सरकार पर एक महिला पत्रकार के हमले पर बयान दिया था। हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट किया था कि ऐसे तमाम हुसैन ओबामा भारत में भी हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने मोदी के दौरे से पहले बीते गुरुवार को इंटरव्यू में कहा था कि जो बाइडेन को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भारत में धार्मिक असहिष्णुता का मुद्दा उठाना चाहिए। ओबामा ने कहा था कि अगर मेरी मोदी से बातचीत होती, जिनको मैं अच्छी तरह जानता हूं, तो मैं यही कहता कि अगर आप अपने देश में जातीय अल्पसंख्यकों के हक की रक्षा नहीं करते हैं, तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़ेगा और ये भारत के हित के खिलाफ होगा।