नई दिल्ली। इन दिनों राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर चल रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की मंशा होगी कि अपनी सभी विफलताओं के बारे में चर्चा करके उन पर कार्य किया जाए। इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को सख्त लहजे में कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि हमे संगठन के हित के लिए काम करना होगा। सब से आग्रह करना चाहती हूं कि खुल कर अपने विचार रखें। लेकिन इससे बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए। संगठन की मजबूती, दृढ़ निश्चय और एकता का परिचय कांग्रेस की पहचान होनी चाहिए।
सोनिया गांधी ने आगे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- हम ये तय करें कि जब यहां से निकले तो एक नयी उर्जा और आत्मविश्वास हो। हमें देश और उसकी उम्मीदों के बारे में पता है। हम यहां पर ये प्रण लेने के लिए आए हैं कि इस देश की राजनीति में कांग्रेस को उसी भूमिका में लेकर आएंगे, जैसे कि पहले थी। जैसे कि बिगड़ते समय में देश की जनता उम्मीद करती है।
अल्संख्यकों को डर का माहौल- सोनिया गांधी
इसके बाद सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आज देश का अल्पसंख्यक डरा हुआ है। भाजपा सरकार देश में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है। धर्म के नाम पर पॉलराइजेशन हो रहा है। अल्पसंख्यक हमारे देश में बराबरी की हिस्सेदारी रखते हैं। यह हमारी पुरानी पहचान है। अनेकता में एकता ही भारत की पहचान रही है।
बता दें कि कांग्रेस का राजनीतिक ग्राफ साल 2014 से लगातार नीचे की तरफ गिर रहा है। मोदी के केंद्र में आने के बाद एक तरफ जहां बीजेपी सरकार हिंदुस्तान में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने में कामयाब हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस को अभी तक नेतृत्व करने के लिए कोई चेहरा ही नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अब क्या कांग्रेस की इस चर्चा से उसका कछ उद्धार होगा या नहीं ये तो आने वाले दिनों में देखना होगा।