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Delhi: पहले ही रची गई थी जहांगीरपुरी दंगों की साजिश, सोनू चिकना ने खोला राज; सीसीटीवी से भी पता चली हकीकत

पुलिस सूत्रों के मुताबिक हनुमान जयंती से एक दिन पहले 15 अप्रैल को देर रात करीब 2 बजे इलाके के एक खास समुदाय के लोग लाठी-डंडे इकट्ठा करते सीसीटीवी में दिखे। पुलिस को पता चला है कि स्थानीय लोगों से इस मामले में उनकी झड़प भी हुई।

नई दिल्ली। जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान दंगा करने की साजिश पहले ही रची गई थी। एक दिन पहले ही एक खास समुदाय के लोग देर रात लाठी-डंडों का जुगाड़ कर रहे थे। ये खुलासा इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और फायरिंग के आरोपी इमाम उर्फ यूनुस उर्फ सोनू चिकना से पूछताछ में हुआ है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में सोनू ने माना है कि उसने हनुमान जयंती के दिन कुशल चौक के पास पिस्टल से फायरिंग की थी। उससे पुलिस ने पिस्टल भी बरामद की है। पिस्टल मुहैया कराने वाले सोनू के रिश्तेदार को भी पुलिस ने दबोचा है।

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक हनुमान जयंती से एक दिन पहले 15 अप्रैल को देर रात करीब 2 बजे इलाके के एक खास समुदाय के लोग लाठी-डंडे इकट्ठा करते सीसीटीवी में दिखे। पुलिस को पता चला है कि स्थानीय लोगों से इस मामले में उनकी झड़प भी हुई। इन लाठी-डंडों का इस्तेमाल अगले दिन शोभायात्रा निकाल रहे लोगों पर किया गया। सोनू के बारे में पुलिस का कहना है कि उसका पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हल्दिया का निवासी है। सोनू के परिवार में 8 भाई और 3 बहनें हैं। उसका भाई सलीम भी लूट और हत्या की कोशिश के आरोप में दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है।

Sonu Chikna

16 अप्रैल को शोभायात्रा के दौरान हुए दंगे के एक दिन बाद एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में सोनू को फायरिंग करते देखा गया था। वो उस वक्त नीला कुर्ता पहने था। फिर सोमवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। उसके घर जब पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दबिश दी थी, तो घरवालों ने उनपर भी पथराव किया था। पुलिस ने इस मामले में सोनू की रिश्तेदार सलमा को भी पकड़ा है। वहीं, सोनू के घरवालों ने एक अंग्रेजी टीवी चैनल से बीते कल बातचीत में उसकी ओर से फायरिंग किए जाने को सही ठहराया था। उनका कहना था कि मस्जिद को बचाने के लिए सोनू ने ऐसा किया था।