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Rajasthan: ‘संस्कृत की जगह उर्दू पढ़ाओ, वरना’.., गहलोत राज में कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद, स्कूलों को मिल रही है ऐसी धमकियां

Rajasthan: आपको बता दें कि यह पूरा मामला राजकीय माध्यमिक विद्यालय का बताया जा रहा है। जिसमें कुछ स्कूल के प्रधानाचार्य से भी बहस करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल की तरफ से बताया गया है कि वीडियो के प्रकाश में आने के बाद पुलिस के फोन आ रहे हैं और वो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने बात कर रहे हैं।

नई दिल्ली। राजस्थान की गहलोत सरकार किसी ना किसी मसले को लेकर अपने विरोधियों के निशाने पर रहती है। जिससे जनता के बीच उनके लिए एक ऐसी छवि विकसित हो रही है, जो कि आगामी राजस्थान चुनाव में गहलोत के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकती हैं, लेकिन इन सबके बावजूद भी राजस्थान की गहलोत सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही हैं। अभी ताजा मामला बूंदी जिले से सामने आया है, जिसका वीडियो भी अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे कुछ लोग स्कूल प्रबंधकों को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं कि स्कूलों में संस्कृत की जगह उर्दू पढ़ाया जाए। अगर स्कूलों में ऐसा नहीं किया गया तो आगामी दिनों में स्थिति सही नहीं होगी।

आपको बता दें कि यह पूरा मामला राजकीय माध्यमिक विद्यालय का बताया जा रहा है। जिसमें कुछ स्कूल के प्रधानाचार्य से भी बहस करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल की तरफ से बताया गया है कि वीडियो के प्रकाश में आने के बाद पुलिस के फोन आ रहे हैं और वो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने बात कर रहे हैं। उधर, जब प्रिसंपल से पूछा गया कि आपने मामले की शिकायत पुलिस में क्यों नहीं दर्ज करवाई है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें आशंका है कि कहीं कोई घटना न घट जाए। प्रिसंपल ने आगे कहा कि उन्हें अभी नौकरी करनी है, तो वे इस तरह के झंझटों में नहीं फंसना चाहते हैं।

वे चीजों के बीच में तालमेल बैठाना चाहते हैं। वहीं, स्कूलों में संस्कृत पढ़ाने को लेकर प्रिसंपल की तरफ से कहा गया है कि यह आदेश ऊपर से आया है। मैं अपनी मर्जी से स्कूल में संस्कृत नहीं पढ़वा रहा हूं। अगर  स्कूलों में उर्दू पढ़ाने का आदेश आया होता है, तो मैं आज स्कूलों में उर्दू पढ़ाया जा रहा होता। लेकिन, ऐसा कुछ आया नहीं है। उधर, जो लोग इस तरह से धमकी देखे जा रहे हैं कि संस्कृत नहीं उर्दू पढ़ाओ, तो मैं उन लोगों को निम्नस्तरीय कहना चाहूंगा। अब ऐसे में देखना होगा कि पुलिस की तरफ से इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।