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Tejashwi Yadav : लैंड फॉर जॉब केस में बुरे फंसे तेजस्वी यादव, ED ने सीबीआई की FIR को आधार बनाकर बनाया दोषी

Tejashwi Yadav : इस मामले में सीबीआई ने जो रिपोर्ट दर्ज की है उसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया था, और इसी मामले में बीते 25 मार्च को भी तेजस्वी से सीबीआई ने भी करीब 8 घंटों तक पूछताछ की थी। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि बेशक सीबीआई ने उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया है लेकिन इसके बावजूद भी सीबीआई कोर्ट में दायर करवाई गई चार्जशीट में तेजस्वी यादव का नाम नहीं होने कि खबरें सामने आ रही है।

नई दिल्ली। ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ में लालू प्रसाद यादव के परिवार के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता ही जा रहा है, पहले लालू की बेटियों के घर इस मामले में छापेमारी की गई और अब बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यदाव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव मुश्किलों में हैं। दरअसल, हाल ही में सीबीआई की एक FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग प्रवर्तन निदेशालय ने अलग से मामले को दर्ज करते हुए तेजस्वी को इस मामले का आरोपी बनाया है। करीब 9 घंटे तक चली इस पूछताछ में ED ने कई तरीकों से तेजस्वी यादव और उनकी संपत्ति से जुड़े सवाल किए। तेजस्वी यादव पर प्रवर्तन निदेशालय ने उनके परिवार की सम्पूर्ण आय से जुड़े सवाल भी दागे।

इससे पहले आपको बता दें कि बिहार में एक घोटाले को लेकर काफी चर्चा हो रही थी। दरअसल, रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन नाम करवाने के मामले में लालू के पूरे परिवार पर ED और सीबीआई की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इस मामले में सीबीआई ने जो रिपोर्ट दर्ज की है उसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया था, और इसी मामले में बीते 25 मार्च को भी तेजस्वी से सीबीआई ने भी करीब 8 घंटों तक पूछताछ की थी। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि बेशक सीबीआई ने उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया है लेकिन इसके बावजूद भी सीबीआई कोर्ट में दायर करवाई गई चार्जशीट में तेजस्वी यादव का नाम नहीं होने कि खबरें सामने आ रही है।

गौरतलब है कि लैंड फॉर जॉब केस की जांच में न सिर्फ सीबीआई बल्कि प्रवर्तन निदेशालय भी पूरी तरह से एक्टिव है, लेकिन इस मामले में शुरुआत में डिप्टी सीएम का नाम पहले नहीं आया था, लेकिन सीबीआई की जांच आगे बढती गई और एक एक करके तमाम नाम सामने आने लगे, इस पूरे मामले में तेजस्वी, लालू, उनकी बेटियां और लगभग पूरे पर ही परिवार जांच एजेंसियों की तलवार लटक रही है।