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Opposition Seat Sharing: यूपी में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में खींचतान संभव, सपा-आरएलडी फंसा सकते हैं पेच!

यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं। कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव में यूपी का मैदान जो भी पार्टी मारती है, वही केंद्र में सरकार बनाती है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन के बीच यूपी में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान देखने को मिल सकती है। सपा यहां मुख्य विपक्षी पार्टी है। विधानसभा में उसके 100 से ज्यादा सदस्य हैं।

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में महज कुछ महीने का वक्त बचा है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने के लिए 26 पार्टियों ने I.N.D.I.A नाम से गठबंधन भी बना लिया है। यूपी से विपक्ष के इस गठबंधन में समाजवादी पार्टी यानी सपा और राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी भी हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही यूपी में सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का दावा कर चुके हैं। यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी भी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का दावा कर रही है। किसका दावा सही बैठता है, ये तो लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन विपक्ष के गठबंधन में यूपी की सीटों के बंटवारे पर घमासान मचने के आसार हैं।

akhilesh yadav and jayant chaudhry
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी

यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं। कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव में यूपी का मैदान जो भी पार्टी मारती है, वही केंद्र में सरकार बनाती है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन के बीच यूपी में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान देखने को मिल सकती है। सपा यहां मुख्य विपक्षी पार्टी है। विधानसभा में उसके 100 से ज्यादा सदस्य हैं। जाहिर तौर पर सपा सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ने की ख्वाहिश रखती है। वहीं, कांग्रेस ने पिछली बार सिर्फ रायबरेली सीट ही यूपी में जीती थी। ऐसे में अगर उसने ज्यादा सीटें चाहीं, तो इसे लेकर सपा और आरएलडी से उसकी ठन सकती है।

opposition party 12

बात आरएलडी की भी कर लेते हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए 12 सीटें चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक जयंत चौधरी इन 12 सीटों पर आने वाले वक्त में जनसभाओं की शुरुआत कर आरएलडी के पक्ष में माहौल बनाएंगे। जयंत की इन जनसभाओं से विपक्ष के गठबंधन पर आरएलडी को ये 12 सीटें देने का दबाव भी बनेगा। सूत्रों की मानें, तो आरएलडी की तरफ से मेरठ, बुलंदशहर, मथुरा, कैराना, हाथरस, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मथुरा, बागपत, अमरोहा और फतेहपुर सीकरी जैसी सीटों पर ये दावा किया जा सकता है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अगर विपक्षी गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनती है, तो यूपी में इसका खाका किस तरह का होगा।