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Varanasi: ज्ञानवापी मस्जिद केस में आज अहम फैसले का दिन, इन दो मसलों पर कोर्ट का रुख तय करेगा सबकुछ

सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सुनवाई के दौरान कह चुका है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत किसी जमीन के धार्मिक स्वरूप का पता करने पर रोक नहीं है। ये दलील भी हिंदू पक्ष ने जिला जज के कोर्ट में दी है। ऐसे में कोर्ट को इस दिशा में भी सोचना पड़ सकता है।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई में आज अहम दिन है। आज जिला जज तय करेंगे कि पहले मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर विचार हो या हिंदू पक्ष की सर्वे रिपोर्ट देखने के बाद मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई हो। कोर्ट में कल 4 वादियों समेत 23 लोगों की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने 45 मिनट तक अपनी दलीलें रखी थीं। कोर्ट ने इस पर आज तक के लिए फैसला सुरक्षित कर लिया था। ज्ञानवापी मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के वकील ने सिविल सूट के ऑर्डर नंबर 7 के नियम 11 के तहत अर्जी दी है। इसमें कहा गया है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत हिंदू पक्ष के दावे को सुना ही नहीं जा सकता।

Gyanvapi Row...

वहीं, हिंदू पक्ष ने अपनी दलील में ऑर्डर नंबर 26 के नियम 10 का हवाला दिया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि पहले सिविल जज सीनियर डिवीजन ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे कराया था। कोर्ट इस सर्वे की रिपोर्ट को देखे और उस दौरान लिए गए फोटो और वीडियो पर भी गौर करे। इसके बाद ही मुस्लिम पक्ष की अर्जी सुनने या न सुनने का फैसला हो। हिंदू पक्ष ने इसके साथ ही कोर्ट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट की कॉपी, फोटो और वीडियो भी देने की मांग की है। हिंदू पक्ष के मुताबिक ये इस केस से जुड़े अहम सबूत हैं। अब कोर्ट फैसला करेगा कि वो मुस्लिमों की अर्जी देखे या हिंदुओं की इस अपील पर पहले कार्यवाही करे।

Varanasi Gyanvapi Case..

हिंदू पक्ष ने ये भी कहा है है कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता। उनका कहना है कि आदि विश्वेश्वर के नाम से जमीन के कागजात हैं और यहां अनादि काल से पूजा हो रही है। ऐसे में ये कानून लागू नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सुनवाई के दौरान कह चुका है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत किसी जमीन के धार्मिक स्वरूप का पता करने पर रोक नहीं है। ये दलील भी हिंदू पक्ष ने जिला जज के कोर्ट में दी है।