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Farmers Protest: ‘हरियाणा के हालात कश्मीर जैसे, अब जो होगा उसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार’, एमएसपी पर प्रस्ताव न मानकर अब किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दी चेतावनी

Farmers Protest: सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार का साफ इरादा है कि हमें किसी सूरत में दिल्ली में दाखिल नहीं होने देना चाहती। किसान नेता ने कहा कि अगर बातचीत से आप हल नहीं निकालना चाहते हैं, तो किसानों को दिल्ली मार्च करने की मंजूरी देनी चाहिए।

नई दिल्ली। आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने एमएसपी पर मोदी सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद ताजा चेतावनी दी है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि हम 21 फरवरी को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। पंढेर ने कहा कि सरकार ने ऐसा प्रस्ताव दिया, ताकि हम अपनी मांगों से हट जाएं। किसान नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार का साफ इरादा है कि हमें किसी सूरत में दिल्ली में दाखिल नहीं होने देना चाहती। किसान नेता ने कहा कि अगर बातचीत से आप हल नहीं निकालना चाहते हैं, तो किसानों को दिल्ली मार्च करने की मंजूरी देनी चाहिए।

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब भी हम शंभु बॉर्डर से दिल्ली की तरफ मार्च करने की कोशिश करते हैं, तो आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं और ट्रैक्टरों के टायरों पर गोली भी मारी जाती है। पंढेर ने कहा कि हरियाणा के डीजीपी ने कहा है कि किसानों पर आंसू गैस के गोले नहीं दागे जा रहे। फिर तो जो लोग इन गोलों को दाग रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। किसान नेता ने ये भी कहा कि गलत बयानबाजी भी की जा रही है। उन्होंने हरियाणा की हालत को कश्मीर से भी जोड़ा।

बता दें कि आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच 4 दौर की बातचीत हो चुकी है। केंद्र की तरफ से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के अलावा पीयूष गोयल और नित्यानंद राय ने किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत की थी। इसके बाद कुछ और फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी पर खरीद का सरकार ने प्रस्ताव दिया था। किसान संगठनों ने इस पर विचार के लिए 2 दिन का वक्त मांगा और सरकार का प्रस्ताव मंजूर न होने पर 21 फरवरी से फिर दिल्ली मार्च की बात कही थी। सोमवार को किसान नेताओं ने मीडिया से कहा था कि उनको सरकार का एमएसपी वाला प्रस्ताव मंजूर नहीं है। अब सरवन सिंह पंढेर ने ताजा चेतावनी दी है कि आगे जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। ऐसे में किसान आंदोलन नया रंग लेता दिख रहा है।