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तापी में विश्व के सबसे बड़े जिंक स्मेल्टर परिसर की होगी स्थापना, गुजरात सरकार ने समझौते पर किया हस्ताक्षर

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited) गुजरात (Gujarat) के तापी में दुनिया का सबसे बड़ा जस्ता गलाने वाला संयंत्र स्थापित करेगा। इस परियोजना को स्थापित करने का मुख्य मकसद एशिया और मिडिल ईस्ट के देशों के साथ घरेलू मांग की पूर्ति करने का है।

नई दिल्ली। गुजरात सरकार ने वेदांता समूह के साथ राज्य में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता किया है। यह वेदांता समूह का राज्य में पहला निवेश है। यह समझौता मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वेदांता समूह के साथ किया। हिंदुस्तान जिंक इस समझौते के तहत 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से तापी के दोसवाड़ा में जिंक स्मेल्टर संयंत्र स्थापित करेगा। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड वेदांत समूह की सहायक कंपनी है।

Gujarat Chief Minister Vijay Rupani

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस समझौते के बाद कहा कि 300 KTPA की जनरेशन क्षमता वाली यह नई जिंक स्मेल्टर परियोजना होगी। जो राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति देने में सहायक होगा।

हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड गुजरात के तापी में दुनिया का सबसे बड़ा जस्ता गलाने वाला संयंत्र स्थापित करेगा। इस परियोजना को स्थापित करने का मुख्य मकसद एशिया और मिडिल ईस्ट के देशों के साथ घरेलू मांग की पूर्ति करने का है। इस संयंत्र के स्थापित होने से प्रदेश में सीधे तौर पर 5000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया होगा वहीं इसके आसपास कई और तरह के रोजगार की संभावनाएं पैदा होंगी जिसके जरिए भी 25 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल पाएगा।

Vijay Rupani

परियोजना के पहले चरण को 36 महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही इस बात की आशा जताई गई की इस पूरे प्रोजेक्ट को निर्धारित समयसीमा के अंदर शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा कि संयंत्र जल्द से जल्द अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दे। इस प्रोजेक्ट के लिए वेदांता ने गुजरात को चुना यह यहां की औद्योगिक नीतियों की वजह से संभव हो पाया।

CM VIJAY RUPANI GUJRAT

अनिल अग्रवाल, वेदांत समूह के संस्थापक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष ने इस पूरे निवेश के लिए सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने को लेकर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जितनी तेजी से सभी तरह के निर्णय गुजरात सरकार ने लिए वह शायद ही किसी और राज्य में देखने को मिलता है। जब से इस संयंत्र को यहां लगाने के बारे में समूह ने विचार किया था तब से लगातार इसको लेकर सरकार का सहयोग मिल रहा था। 2 महीने के छोटे से समय में इस पूरे मामले को सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई और एमओयू पर साइन भी हो गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ग्रुप और भी कई सारी परियोजनाओं के साथ निवेश के लिए राज्य में आना चाहेगी।

जुलाई 2019 में, जेके पेपर्स ने गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। जिसके जरिए कंपनी ने राज्य में 1,500 करोड़ रुपए के निवेश के साथ तापी जिले में अपने सोंगध पेपर मिल का विस्तार करने की शुरुआत की। इस मिल का संचालन जनवरी 2021 में शुरू हो जाएगा। ऐसे में तापी के लिए यह दो अहम परियोजनाएं काफी कुछ बेहतर करेंगी। तापी जिले में इन दो परियोजनाओं से सामाजिक-आर्थिक प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। इसके साथ ही जिले के विकास और आदिवासियों को इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।