नई दिल्ली। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कृषि कानून का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। इस बीच सरकार की तरफ से लगातार किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। लेकिन अभी तक इसको लेकर दोनों पार्टियों मतलब सरकार और किसानों के बीच बातचीत की सहमति नहीं बन पाई है। वहीं तीनों राज्यों के किसान दिल्ली में जंतर-मंतर आकर प्रदर्शन करने की मांग पर अड़े हुए हैं। लगातार पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच संघर्ष की खबरें आ रही हैं। वहीं कई ऐसे लोग भी इस किसान आंदोलन में शामिल हो गए हैं जिनका इस आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। हालांकि किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि इस आंदोलन में किसानों के मंच से किसी राजनीतिक दल को अपनी रोटी सेंकने नहीं दिया जाएगा। लेकिन इस आंदोलन में किसानों के साथ कई विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हो गए हैं।
जेएनयू के लेफ्ट छात्र संगठन भी किसान आंदोलन में किसानों के पक्ष से शामिल हुई है वहीं पंजाब से कई जानेमाने नाम खासकर पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग इस आंदोलन में नजर आ चुके हैं। किसानों की मांग को लेकर सरकार भी कह चुकी है कि किसानों से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है लेकिन इस आंदोलन की आड़ में जो राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंक रहे हैं उससे ज्यादा परेशानी हो रही है।
PhD Scholar from Punjab, Listen to what he has to say on Farmer bills. ? pic.twitter.com/NoHPmsXOuX
— BALA (@erbmjha) November 30, 2020
ऐसे में इस आंदोलन में शामिल कुछ युवाओं की राय मीडिया के जरिए आप सुनेंगे तो आपको लगेगा कि वह केवल विरोध के लिए विरोध करने आए हैं उन्हें किसानों की मांग के बारे में ना तो कई जानकारी है या फिर उनके बीच एक भ्रम की स्थिति है। उनके बयान कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है जिसमें पंजाब के एक विश्वविद्यालय के एक पीएचडी रिसर्च स्कॉलर को आप सुनेंगे तो आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। वह लड़का मीडिया के सवाल के जवाब में जो कह रहा है उससे स्पष्ट हो जाता है कि उसे किसानों के इस आंदोलन का उद्देश्य पता ही नहीं है। वह लड़का वीडियो में खुद बता रहा है कि उसका नाम विजय कुमार है और वह पीएचडी स्कॉलर है। पत्रकार जब उस युवक से पूछता है कि कृषि कानून में क्या खामियां है तो वह युवक कहता है कि यह पंजाब के किसानों का उजाड़ा कर देगा। जबकि लड़के को खुद नहीं पता कि पंजाब में यह कानून लागू ही नहीं है। वहां की सरकार ने इस कानून को लागू करने से मना कर दिया है। दूसरी बात यह कानून पूरे देश के लिए बनाया गया है ऐसे में इसका विरोध पूरे देश के किसानों को करना चाहिए। आगे वह लड़का कहता है कि इस कानून के लागू हो जाने से पंजाब खत्म हो जाएगा। वह आगे कहता है कि यह कानून केवल किसानों को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि यह कानून जो अर्बन सेक्शन है वर्कर सेक्शन है उसको भी प्रभावित करता है। ये कानून लागू हो गया तो जो पीडीएस सिस्टम है। जो सप्लाई उनको मिलती है उसमें जो उन्हें सब्सिडी मिलते हैं उसको भी ये सरकार खत्म कर देगी।
ऐसे में यह समझना जरूरी है कि इस कानून का विरोध कर रहे लोगों में केवल किसान ही नहीं वह भरमाए गए लोग भी शामिल हैं जिन्हें ये पता भी नहीं है कि आखिर इन कानूनों का किसान विरोध क्यों कर रहे हैं।