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Farmers Protest: किसान आंदोलन में शामिल इस पीएचडी स्कॉलर का ज्ञान सुनकर आप भी चौंक जाएंगे

Farmers Protest: जेएनयू के लेफ्ट छात्र संगठन भी किसान आंदोलन (Farmer Movement) में किसानों के पक्ष से शामिल हुई है वहीं पंजाब से कई जानेमाने नाम खासकर पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग इस आंदोलन में नजर आ चुके हैं। किसानों की मांग को लेकर सरकार भी कह चुकी है कि किसानों से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है लेकिन इस आंदोलन की आड़ में जो राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंक रहे हैं उससे ज्यादा परेशानी हो रही है।

नई दिल्ली। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कृषि कानून का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। इस बीच सरकार की तरफ से लगातार किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। लेकिन अभी तक इसको लेकर दोनों पार्टियों मतलब सरकार और किसानों के बीच बातचीत की सहमति नहीं बन पाई है। वहीं तीनों राज्यों के किसान दिल्ली में जंतर-मंतर आकर प्रदर्शन करने की मांग पर अड़े हुए हैं। लगातार पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच संघर्ष की खबरें आ रही हैं। वहीं कई ऐसे लोग भी इस किसान आंदोलन में शामिल हो गए हैं जिनका इस आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। हालांकि किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि इस आंदोलन में किसानों के मंच से किसी राजनीतिक दल को अपनी रोटी सेंकने नहीं दिया जाएगा। लेकिन इस आंदोलन में किसानों के साथ कई विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हो गए हैं।

Farmers Protest

जेएनयू के लेफ्ट छात्र संगठन भी किसान आंदोलन में किसानों के पक्ष से शामिल हुई है वहीं पंजाब से कई जानेमाने नाम खासकर पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग इस आंदोलन में नजर आ चुके हैं। किसानों की मांग को लेकर सरकार भी कह चुकी है कि किसानों से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है लेकिन इस आंदोलन की आड़ में जो राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंक रहे हैं उससे ज्यादा परेशानी हो रही है।


ऐसे में इस आंदोलन में शामिल कुछ युवाओं की राय मीडिया के जरिए आप सुनेंगे तो आपको लगेगा कि वह केवल विरोध के लिए विरोध करने आए हैं उन्हें किसानों की मांग के बारे में ना तो कई जानकारी है या फिर उनके बीच एक भ्रम की स्थिति है। उनके बयान कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।

farmer protest

ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है जिसमें पंजाब के एक विश्वविद्यालय के एक पीएचडी रिसर्च स्कॉलर को आप सुनेंगे तो आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। वह लड़का मीडिया के सवाल के जवाब में जो कह रहा है उससे स्पष्ट हो जाता है कि उसे किसानों के इस आंदोलन का उद्देश्य पता ही नहीं है। वह लड़का वीडियो में खुद बता रहा है कि उसका नाम विजय कुमार है और वह पीएचडी स्कॉलर है। पत्रकार जब उस युवक से पूछता है कि कृषि कानून में क्या खामियां है तो वह युवक कहता है कि यह पंजाब के किसानों का उजाड़ा कर देगा। जबकि लड़के को खुद नहीं पता कि पंजाब में यह कानून लागू ही नहीं है। वहां की सरकार ने इस कानून को लागू करने से मना कर दिया है। दूसरी बात यह कानून पूरे देश के लिए बनाया गया है ऐसे में इसका विरोध पूरे देश के किसानों को करना चाहिए। आगे वह लड़का कहता है कि इस कानून के लागू हो जाने से पंजाब खत्म हो जाएगा। वह आगे कहता है कि यह कानून केवल किसानों को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि यह कानून जो अर्बन सेक्शन है वर्कर सेक्शन है उसको भी प्रभावित करता है। ये कानून लागू हो गया तो जो पीडीएस सिस्टम है। जो सप्लाई उनको मिलती है उसमें जो उन्हें सब्सिडी मिलते हैं उसको भी ये सरकार खत्म कर देगी।

ऐसे में यह समझना जरूरी है कि इस कानून का विरोध कर रहे लोगों में केवल किसान ही नहीं वह भरमाए गए लोग भी शामिल हैं जिन्हें ये पता भी नहीं है कि आखिर इन कानूनों का किसान विरोध क्यों कर रहे हैं।