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अमेरिका में डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने के निर्णय की जांच शुरू

वरिष्ठ कांग्रेसमैन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने प्रसार को धीमा करने और महामारी के मामलों को कम करने के अमूल्य प्रयास किए हैं। एंगेल ने आगे कहा, “कोविड-19 (संक्रमण) के प्रकोप को रोकने के बजाए डब्ल्यूएचओ पर हमला करने से स्थिति और बदतर होगी।”

नई दिल्ली। अमेरिका में विदेश मामलों पर यूएस हाउस कमेटी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग को रोकने वाले ट्रंप प्रशासन के निर्णय की जांच शुरू कर दी है। कमेटी के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने इस बात की जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को सोमवार को लिखे एक पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के कांग्रेस सांसद ने फंडिंग रोकने के फैसले की निंदा की और मांग कर कहा कि निर्णय से जुड़े अन्य रिकॉर्ड और जानकारी विदेश विभाग उपलब्ध कराए।

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एंगले ने पत्र में कहा, “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वैश्विक महामारी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लिए फंडिंग रोकने का निर्णय गलत है और यह जानों को जोखिम में डालता है।” एंगेल ने कहा कि भले ही डब्ल्यूएचओ अपूर्ण रहा हो, लेकिन संगठन ने दुनिया भर की सरकारों के बीच समन्वय की एक आवश्यक भूमिका निभाई और कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए इसे जल्दी से हेल्थ इमरजेंसी और महामारी घोषित किया।

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वरिष्ठ कांग्रेसमैन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने प्रसार को धीमा करने और महामारी के मामलों को कम करने के अमूल्य प्रयास किए हैं। एंगेल ने आगे कहा, “कोविड-19 (संक्रमण) के प्रकोप को रोकने के बजाए डब्ल्यूएचओ पर हमला करने से स्थिति और बदतर होगी।” गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिका से एजेंसी को मिलने वाली फंडिंग को यह कहते हुए रोक दिया कि डब्ल्यूएचओ समय पर और पारदर्शी तरीके से महामारी से जुड़ी जानकारी साझा करने में विफल रहा है।