ऩई दिल्ली। अमेरिका के बाद अब ब्राजील ने भी विश्व स्वास्थ्य सगंठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने डोनाल्ड ट्रंप के नक्शेकदम पर चलते हुए शुक्रवार को अपने देश को विश्व स्वास्थ्य सगंठन से अलग करने की धमकी दी है। कुल संक्रमितों के मामले में ब्राजील दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। यहां लगभग हर मिनट एक व्यक्ति की मौत हो रही है।
बोल्सोनारो ने डब्ल्यूएचओ पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ”अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से किनारा कर लिया और हम भी उस पर नजर बनाए हुए हैं। अब आने वाले समय में डब्ल्यूएचओ या तो बिना किसी वैचारिक द्वेष के काम करे या हम उससे अलग हो जाएंगे।”
बोल्सोनारो ने स्पष्ट किया कि यह महज कोई संयोग नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के डब्ल्यूएचओ को वित्तीय मदद रोकने के फैसले के कुछ ही दिन बाद डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का परीक्षण रोकने के निर्णय को बदल दिया।
पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ से संबंध खत्म करने का ऐलान किया था। उनका कहना था कि डब्ल्यूएचओ कोरोनावायरस के शुरुआती फैलाव को रोकने में नाकाम रहा है। ट्रम्प ने इससे पहले इस एजेंसी की फंडिंग रोक दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह एजेंसी चीन की कठपुतली है। जिसकी वजह से दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी संकट खड़ा हो गया है।
ब्राजील में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 34,021 हो गई है जोकि पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ब्राजील में पिछले 24 घंटों में इससे 1437 लोगों की मौत हुई है।
आपको बता दें लेटिन अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले देश ब्राजील और मैक्सिको में संक्रमण की दर सबसे ज्यादा है। ब्राजील में यहां पेरू, कोलंबिया, चिली और बोलीविया में भी महामारी रफ्तार पकड़ रही है। पूरे लेटिन अमेरिका में करीब 11 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।