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अब चीन की इस चाल पर भी अमेरिका ने फेर दिया पानी, देखिए क्या उठाया कदम

कोरोनावायरस के बीच अमेरिका कई और चुनौतियों का सामना कर रहा है। कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां जो चीन से ऑपरेशनल थीं वो अब वहां से सेटअप हटाना चाहतीं है।

वॉशिंगटन। कोरोनावायरस के बीच अमेरिका कई और चुनौतियों का सामना कर रहा है। कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां जो चीन से ऑपरेशनल थीं वो अब वहां से सेटअप हटाना चाहतीं है। इसके चलते निरंतर अमेरिकी सरकार नए प्लान्स के साथ आने वाली है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान चीनी सरकार के अमेरिकी कंपनियों के आक्रामक अधिग्रहण को रोकने के लिए यहां संसद की प्रतिनिधि सभा में विधेयक पेश किया गया।

सांसद जिम बैंक्स ने संसद में यह विधेयक पेश किया। सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य बैंक्स ने बुधवार को कोविड-19 के दौरान आक्रामक अधिग्रहण पर प्रतिबंध अधिनियम’ पेश किया है। इससे अमेरिकी विदेशी निवेश समिति (सीएफआईयूएस) का दायरा बढ़ेगा। इससे सीएफआईयूएस को कोरोना वायरस संकट के दौरान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध रखने वाली कंपनियों के अमेरिकी कंपनियों में निवेश की समीक्षा करने में मदद मिलेगी।

बैंक्स ने एक बयान में कहा, हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि चीन की सरकार अपने लाभ के लिए इस महामारी का फायदा ना उठाए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अमेरिकियों का बेजा लाभ उठाने से रोकने के वादे पर ही चुनाव जीता था। ऐसे में चीन की इस कार्रवाई को रोकने में उनके साथ काम करने को लेकर मैं खुश हूं।

चीन को 51 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी खरीदने से रोक

यह विधेयक अधिग्रहण के अंतिम लेन देन से पहले उसकी जानकारी राष्ट्रपति के पास भेजने की अनुमति भी देगा। यह विधेयक रक्षा उत्पादन अधिनियम 1950 के हिसाब से वर्गीकृत संवेदनशील बुनियादी ढांचे से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों में चीन से जुड़ी कंपनियों को 51 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी खरीदने से रोकेगा।

भारत ने भी चीन के खिलाफ उठाए सख्त कदम

बता दें कि चीन के सेंट्रल बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत की बड़ी कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC) के 1.75 करोड़ शेयर खरीदे हैं। कोरोना के बीच चीन की इतनी बड़ी शेयर खरीद पर भारत सरकार सतर्क हो गई और इस पर लगाम लगाने के लिए भारत ने चीन से आने वाली एफडीआई पर सख्ती कर दी है। भारत सरकार ने कहा है कि चीन को सभी एफडीआई के लिए पहले सरकार से अनुमति लेना जरूरी होगा।