नई दिल्ली। पूरी दुनिया में इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के 18 लाख 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जिनमें 1 लाख 15 हजार से ज्यादा मौत ही चुकी हैं। लेकिन आज भी दुनिया के आगे एक ही सवाल है कि आखिर कैसे ये वायरस इंसानों में फैला, इसके पीछे क्या कारण है। चीन वो नाम है जो कोरोना वायरस के साथ हर तरफ जोड़ा जा रहा है।
दुनिया ये सवाल कर रही है कि क्या चीन ने कोरोना को लेकर पूरी दुनिया को गुमराह किया। इसको लेकर भी हर दिन एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इस महामारी के कहर से दुनिया की बड़ी से बड़ी महा शक्तियां घुटने पर आ गई हैं रूस अमेरिका इटली फ्रांस ब्रिटेन चाइना भारत और विश्व के लगभग सभी देश इसकी चपेट में हैं।
चीन पर खड़े हो रहे कई सवालों के बीच अमेरिका के नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉक्टर एंथोनी फॉसी ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। डॉक्टर फॉसी ने साफ-साफ कहा है कि चीन की गलत जानकारी का खामियाजा आज अमेरिका के लोग भुगत रहे हैं।
उनके मुताबिक दुनिया ने चीन पर कुछ ज्यादा ही भरोसा किया जिसकी वजह से ये संकट खड़ा ही गया है। इस बारे में अमेरिका के एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में डॉ. एंथोनी ने कहा है कि शुरुआत में हमें पूरी जानकारी हासिल नहीं हुई, चीन में 31 दिसंबर को पहला केस सामने आया था।
चीन के धोके पर गुस्सा जताते हुए उन्होंने कहा- हमें जानकारी थी कि ये जानवरों से इंसानों में फैला है लेकिन इससे कुछ हफ्तों पहले से ये इंसानों से इंसानों में फैलना शुरू हो चुका था और जब हमें ये जानकारी मिली तो ये बात साफ हो गई थी कि हमें पहले गलत सूचना मिली थी। साफ तौर पर हमें चीन द्वारा सही जानकारी नहीं दी गई थी जिसका खामियाजा हम आज भुगत रहे हैं।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा-
फौसी अब कह रहे हैं कि ट्रम्प ने चिकित्सा विशेषज्ञों की बात सुनी थी, इससे पहले वह अधिक जानें बचा सकते थे। फौसी 29 फरवरी को लोगों को बता रहे थे कि चिंता की कोई बात नहीं है और इसने बड़े पैमाने पर अमेरिकी जनता के लिए कोई खतरा पैदा नहीं किया है।
Fauci is now saying that had Trump listened to the medical experts earlier he could’ve saved more lives.
Fauci was telling people on February 29th that there was nothing to worry about and it posed no threat to the US public at large.
Time to #FireFauci…
— DeAnna Lorraine ?? (@DeAnna4Congress) April 12, 2020
हालांकि इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्टीकरण देते हुए एक ट्वीट के जवाब में लिखा है-
सॉरी ये फेक न्यूज है, यह सब टेप पर है। लोगों के बोलने से बहुत पहले मैंने चीन पर प्रतिबंध लगा दिया था। धन्यवाद
Sorry Fake News, it’s all on tape. I banned China long before people spoke up. Thank you @OANN https://t.co/d40JQkUZg5
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 12, 2020