newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Video: ‘भूख से तड़प कर मर जाएँ…’, चीन के शंघाई से नागरिकों का चीखते-चिल्लाते हुए वीडियो वायरल, सरकार के खिलाफ लोग कर रहे विरोध 

Video: एक ओर जहां शंघाई में ऐसे हालात हैं वहीं दूसरी ओर चीन से पिछले दिनों खबरें आई थी कि वहां ड्रोन की मदद से स्थानीय लोगों को धमकाया जा रहा है कि वे बालकनी में न आएं और घर के अंदर ही रहें। हालात ऐसे बने हुए हैं कि बाकी लोग शंघाई की स्थिति पर बस दुख जताने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे। माना ये जा रहा है कि शायद 2022 में शंघाई में ऐसी किल्लत रहे।

नई दिल्ली। चीन का शंघाई इस वक्त ऐसे हालातों का सामना कर रहा है जिसे आप और हम देखकर नहीं समझ सकते। कोरोना के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए सरकार की तरफ से पहले 5 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया था लेकिन बाद में उसे बढ़ाते हुए अनिश्चित समय तक के लिए कर दिया गया। ऐसे में वहां रह रहे लोगों को न तो खाना मिल रहा है, न तो पीने लायक पानी…बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी की हालत खराब है। अनिश्चित काल के लिए लगाए गए लॉकडाउन से लोगों दवाईयां तक नहीं मिल पा रही हैं जिससे अब लोगों का गुस्सा सरकार के खिलाफ फूंटने लगा है। सरकार की तरफ से सहायता न मिलने और लॉकडाउन को खत्म न करने पर अब नाराज लोग विरोध पर उतर आए हैं। कोरोना और सरकार की अंदेखी के अलावा जीने के जरूरी चीजें न मिलने से हताश शंघाई की जनता का एक वीडियो सामने आया है जिसमें स्थानीय लोग सड़कों पर आकर पीपीई किट पहने लोगों के सामने अपना प्रदर्शन कर रहे हैं।

chin shanghai..

भूख-प्यास से हिंसक होते जा रहे नागरिकों के विरोध का ये वीडियो विदेशी पत्रकार माइकल स्मिथ ने शेयर किया है। स्मिथ ने  सवाल उठाए हैं कि क्या चीन सरकार ऐसे कोरोना को रोकने के लिए ये कड़े प्रतिबंध लगा रहा है और ये दावा कर रहा है कि उसने किसी की जान नहीं ली है। बता दें कि कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए सरकार ने यहां 5 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाया था लेकिन बाद में इसे बढ़ाते हुए इसे अनिश्चित काल के लिए कर दिया गया। सरकार के इस फैसले के बाद लोगों को जब खाने के लिए जरूरी चीजों और साफ पीना, दवाईयों जैसी चीजों की किल्लत होने लगी तो लोगों का गुस्सा भी भड़कने लगा।


लोग इन जरूरी चीजों के लिए आपस में लड़ने भी लगे। बुनियादी जरूरतें न पूरी होने के चलते प्रशासन से नाराज लोग वीबो साइट पर लिखकर अपना गुस्सा उतार रहे हैं। एक स्थानिय का कहना है, “मतलब ही नहीं है कि तुम कहां रहते हो। तुम्हारे पास पैसे हैं या नहीं। तुम्हें चिंता इस बात की होनी चाहिए कि तुम क्या-क्या खा सकते हो और कैसे करके चीजों को खरीद सकते हो।” वहीं दूसरे शख्स ने प्रशासन को लिखा, ”क्या आप चाहते हो कि बोशन के लोग भूख से तड़प कर मर जाएं”।


गौरतलब हो कि शंघाई में इस वक्त हालात ऐसे हैं कि मेडिकल वॉलिंटियर जिन्हें खुद प्रशासन ने भेजा है वो भी महामारी में खाना पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके भी सरकार से सवाल हैं कि आखिर जो आपूर्ति भेजी जा रही है क्या वो सिर्फ शंघाई लोगों के लिए है। उनके लिए कुछ नहीं जो इस महामारी का सामना कर रहे हैं।


चीन ड्रोन से दे रहा चेतावनी

एक ओर जहां शंघाई में ऐसे हालात हैं वहीं दूसरी ओर चीन से पिछले दिनों खबरें आई थी कि वहां ड्रोन की मदद से स्थानीय लोगों को धमकाया जा रहा है कि वे बालकनी में न आएं और घर के अंदर ही रहें। हालात ऐसे बने हुए हैं कि बाकी लोग शंघाई की स्थिति पर बस दुख जताने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे। माना ये जा रहा है कि शायद 2022 में शंघाई में ऐसी किल्लत रहे।