नई दिल्ली। फ्रांस की दवा निर्माता कंपनी सैनोफी ने कहना है कि वह अपनी पहली वैक्सीन सबसे पहले अमेरिका को देगा। कुछ हफ्तों पहले एक अमेरिकी अखबार ने खुलासा किया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इस कंपनी में शेयर है। ट्रंप ने इसमें निवेश किया है।
संभवतः इसी वजह से सैनोफी ने सबसे पहले अमेरिका को अपनी कोरोना वैक्सीन देने की बात कही है। सैनोफी कंपनी के सीईओ पॉल हडसन ने ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में ये बात कही। पॉल हडसन ने कहा कि अमेरिका ने कंपनी में काफी निवेश किया है। इसलिए उनका अधिकार बनता है कि वो हमारी कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली पहली कोरोना वैक्सीन हासिल करे।
Sanofi to accelerate European COVID-19 vaccine access after CEO prioritizes U.S. preorders https://t.co/FG02MaE9fC pic.twitter.com/Gh5adSDsKl
— Reuters (@Reuters) May 14, 2020
पॉल हडसन ने आगे चेतावनी भी दी कि यूरोप इस मामले में पीछे चल रहा है। यूरोप में हालात बहुत खराब हैं। अमेरिका ने फरवरी में ही सैनोफी में और निवेश किया था। साथ ही कंपनी की वैक्सीन के लिए प्री-ऑर्डर भी दिया था।पॉल हडसन ने आगे चेतावनी भी दी कि यूरोप इस मामले में पीछे चल रहा है। यूरोप में हालात बहुत खराब हैं। अमेरिका ने फरवरी में ही सैनोफी में और निवेश किया था। साथ ही कंपनी की वैक्सीन के लिए प्री-ऑर्डर भी दिया था।
सैनोफी दुनिया की उन सबसे बड़ी कंपनियों में से है जो इस समय कोरोना वैक्सीन के लिए काम कर रही है। सैनोफी ने अमेरिका के कहने पर अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के साथ डील किया है। ताकि दोनों कंपनियां मिलकर साल में 60 करोड़ वैक्सीन बना सकें।