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Pak Political Crisis: इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हुआ खारिज, राष्ट्रपति ने भंग की असेंबली

Pak Political Crisis: इमरान खान ने कहा कि, ”राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने के लिए सलाह भेज दी है। चुनाव हों और लोग फैसला करें कि वो किसे चाहते हैं। बाहर से कोई साजिश और इस तरह के भ्रष्ट लोग इस मुल्क की तकदीर का फैसला न करें।”

नई दिल्ली। बीते कई दिनों से पाकिस्तान की राजनीति में उठापटक दिखाई दे रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान (Pak PM Imran Khan) की कुर्सी पर खतरा लगातार मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां इमरान खान की पार्टी के ही 20 से ज्यादा सांसदों ने बागी रुख दिखाया है। वहीं सहयोगी दलों ने भी इमरान खान को झटका देते हुए उनका साथ छोड़ दिया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इमरान सरकार के पास पूर्ण बहुमत का आंकड़ा नहीं है। जिसके बाद उनकी सरकार गिर सकती है। लेकिन पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम अपनी कुर्सी बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। इसी बीच पाकिस्तान की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब इमरान खान की कुर्सी पर मंडराया खतरा अब टल गया है और उन्हें कुछ दिनों की राहत मिल गई है। बता दें कि, पाकिस्तानी संसद नेशनल असेंबली में कुल सांसदों की संख्या 342 है। इनमें बहुमत की संख्या 172 है।

imran khan

बता दें कि डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया और सदन में वोटिंग भी नहीं होने दी। इसके साथ ही पाकिस्तानी संसद की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है और अब संसद की अगली बैठक 25 अप्रैल को आयोजित की जाएगी।

वहीं अविश्वास प्रस्ताव खारिज के होने के बाद पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने देश को संबोधित किया। उन्होंने देश की आवाम को संबोधित करते हुए संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी। इमरान खान ने कहा कि, ”राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने के लिए सलाह भेज दी है। चुनाव हों और लोग फैसला करें कि वो किसे चाहते हैं। बाहर से कोई साजिश और इस तरह के भ्रष्ट लोग इस मुल्क की तकदीर का फैसला न करें।”

उधर इमरान खान की अपील के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने असेंबली को भंग कर दिया है। जिसके बाद अब इमरान चुनाव होने तक कार्यकारी प्रधानमंत्री बने रहेंगे। वहीं मुल्क में 90 दिनों के भीतर चुनाव पर कराए जाएंगे।

पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, विपक्षी दलों के 100 से अधिक सदस्यों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है।