काबुल। भारत और पाकिस्तान के पड़ोसी मुल्क अफ़ग़ानिस्तान में एक ने युग की शुरआत होने वाली है। चरमपंथी आतंकी संगठन तालिबान और अमेरिका एक टेबल पर आ चुके हैं और दोनों के बीच अफगानिस्तान में भविष्य को लेकर बातचीत अंतिम रूप ले रही है। लेकिन तालिबान का समर्थन करने वाला पाकिस्तान इसी संगठन के सामने अब बेबस है।
क्योंकि तालिबान ने सोमवार को साफ कर दिया है कि वह कश्मीर में जारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी ऑपरेशन का हिस्सा नहीं है। तालिबान की राजनीतिक शाखा के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने एक ट्वीट के जरिए स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है और तलिबान दूसरे देशों के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। इस स्टेटमेंट के जरिए तालिबान ने साफ़ कर दिया कि कश्मीर में जारी ‘कथित जिहाद’ मूवमेंट का वह हिस्सा नहीं है।
तालिबान के प्रवक्ता सुहेल ने ट्वीट कर कहा- इस्लामिक अमीरात (तालिबान) की नीति रही है कि वह कभी किसी देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता है।
هغه اعلامیه چې د هند په هکله په ځینو مطبوعاتو کې خپره شوې، اسلامي امارت پوره اړه نلري. د اسلامي امارت پالیسي واضح ده چې د نورو هیوادونو په کورنیو چاروکې مداخله نه کوي.
— Suhail Shaheen (@suhailshaheen1) May 18, 2020
बता दें कि सुहेल अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता हैं जो तालिबान की पॉलिटिकल शाखा के तौर पर काम करती है। अमेरिका के साथ हो रहे समझौते में भी सुहेल और कई अन्य नेता बातचीत को आगे बढ़ा रहे थे। तलिबान की तरफ से ये स्पष्टीकरण इसलिए सामने आया है क्योंकि सोशल मीडिया पर इस तरह की ख़बरें सामने आ रहीं थीं कि तालिबान के प्रवक्ता ज़बिउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि भारत के साथ कश्मीर मुद्दा सुलझे बिना कोई बात ही नहीं की जा सकती है। इस कथित बयान में ये भी दावा किया गया था कि तालिबान काबुल में सत्ता हासिल करने के बाद कश्मीर में भी ऑपरेशन शुरू करेगा।
भारत ने ही की बातचीत
एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के इस कथित बयान के बाद भारत ने इस पर स्पष्टीकरण के लिए अफगानिस्तान में उनके नेताओं से संपर्क साधा था। इसी के बाद तालिबान के प्रवक्ता सुहेल ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर सभी दावों का खंडन कर दिया। हालांकि जानकारों का मानना है कि तालिबान छोटे-छोटे संगठनों का एक गुट है इसलिए ऐसा हो सकता है कि बयान किसी एक धड़े से आया हो। इनमें से कई पहले भी कश्मीर के पाकिस्तान को दिए जाने या फिर आज़ाद किये जाने का समर्थन करते रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क को तालिबान के इस बयान से काफी धक्का लगा होगा।
अफगानिस्तान सरकार ने भारत को महत्वपूर्ण साथी बताया
इससे पहले अफगानिस्तान सरकार ने कहा कि युद्ध से जर्जर देश के पुनर्निर्माण में और शांति प्रक्रिया में मदद करने में भारत महत्वपूर्ण योगदान देने वाले देशों में से एक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवाद ने कहा कि अफगानिस्तान का भारत के साथ संबंध अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और आपसी सम्मान पर आधारित है। उन्होंने यह बात तालिबान के इस आरोप पर कहा कि भारत लंबे समय से अफगानिस्तान में नकारात्मक भूमिका अदा कर रहा है।