काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच वैसे ही तनातनी है, लेकिन अब तालिबान ने भारत से ऐसी मदद मांगी है, जिसे लेकर पाकिस्तान कह रहा है कि ये जंग को न्योता देना है। दरअसल, तालिबान ने चित्राल नदी पर बांध बनाने के लिए भारत से मदद मांगी है। अगर चित्राल नदी पर ये बांध बन जाता है, तो अफगानिस्तान में 340000 हेक्टेयर इलाके में सिंचाई हो सकेगी और 45 मेगावाट बिजली भी बन सकेगी। इसी पर पाकिस्तान भड़का हुआ है। पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के सूचना मंत्री जान अचकजई ने जंग की धमकी देते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान को शामिल किए बगैर अफगानिस्तान में सरकार चला रहे तालिबान ने बांध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया, तो इसे जंग की ओर जाने वाला माना जाएगा।
पाकिस्तान इस बांध के खिलाफ इस वजह से है क्योंकि इसके बनने से खैबर पख्तूनख्वा इलाके के 20 लाख लोगों के लिए इस्तेमाल के लिए पानी नहीं मिल पाएगा। चित्राल नदी को कुनार नदी भी कहते हैं। इसका पानी काबुल नदी में मिलता है। पाकिस्तान ये भी सोच रहा है कि वो चित्राल यानी कुनार नदी का पानी मोड़ दे। काबुल नदी में चित्राल नदी 150 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी ले जाती है। ये नदी पाकिस्तान से निकलती है और अफगानिस्तान में बहती है। अगर पाकिस्तान चाहे, तो इसका पानी पंजकोरा नदी की तरफ मोड़ सकता है। अगर पाकिस्तान ने ऐसा किया, तो अफगानिस्तान के बड़े हिस्से में सूखा पड़ जाएगा।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच साल 2013 में चित्राल यानी कुनार नदी पर 1200 मेगावाट बिजली निर्माण का समझौता हुआ था। इसकी लागत उस वक्त 22400 करोड़ रुपए आंकी गई थी। पाकिस्तान ने इसके बाद करार पर काम नहीं किया और दासू बांध बनाने पर जोर दिया। दासू बांध को सिंधु नदी पर बनाया जा रहा है। अफगानिस्तान का तालिबान शासन इसी से नाराज है और पाकिस्तान पर विश्वासघात का आरोप लगाता है। चित्राल नदी काबुल की सहायक नदी है। जबकि, पाकिस्तान की सबसे बड़ी नदी सिंधु है। सिंधु की 5 मुख्य सहायक नदियां हैं। इनमें काबुल नदी भी शामिल है। अब इसी मसले पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अदावत और तेज होने के आसार दिख रहे हैं।