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नरेंद्र मोदी सरकार 2.0: सरकार का कुशल संचालन करने के साथ खुद को ऐसे ऊर्जावान रखते हैं पीएम मोदी

2019 में डेढ़ महीने तक चले आम चुनाव में थकान भरी कवायद के बाद परिणाम आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे और उन्होंने भगवान शिव का रूद्राभिषेक कर उनकी आराधना की थी।

नरेंद्र मोदी सरकार के 6 साल पुरे होनेवाले हैं। ऐसे में अपनी सरकार का कुशल संचालन करने के साथ खुद को प्रधानमंत्री मोदी कैसे ऊर्जावान बनाए रखते हैं यह जानना बी जरूरी है। आपको याद ही होगा की पीएम मोदी कई बार बात चुके हैं कि वह बहुत कम देर की नींद लेते हैं। पिछले 6 सालों में उन्होंने कोई अवकाश भी नहीं लिया ऊपर से उनकी सरकार के हर काम का फीडबैक भी वह लगातार लेते रहते हैं। मतलब साफ है कि सरकार के सुचारू संचालन के साथ ही अपने आप को भी वह लगातार ऊर्जावान बनाए रखते हैं। साल में दो बार आनेवाले नवरात्रि के व्रत में भी पीएम मोदी नौ दिनों का उपवास रखते हैं। इस दौरान भी वह लगातार कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहते हैं।

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अपनी रोज़मर्रा की कठिन ज़िम्मेदारियों को पूरा करने की उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति की उनके विरोधी भी मन ही मन प्रशंसा करते हैं। उनकी अनूठी जीवनशैली ही उन्हें इस उम्र में भी युवाओं जैसी स्फूर्ति और चुस्ती देती है। योग, व्यायाम और सात्विक भोजन उनकी अथक ऊर्जा और अपार सफलता की कुंजी है। इसके साथ ही आध्यात्म से उनका जुड़ाव उनको और अद्भुत क्षमता प्रदान करता है। पीएम मोदी देश या विदेश में जहां भी गए होंगे वहां के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थलों पर वह अपने कार्यक्रम से वक्त निकालकर जरूर जाते हैं कई बार तो ऐसा उनके कार्यक्रम का हिस्सा भी होता है।

2019 में डेढ़ महीने तक चले आम चुनाव में थकान भरी कवायद के बाद परिणाम आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे और उन्होंने भगवान शिव का रूद्राभिषेक कर उनकी आराधना की थी। उसके बाद वह केदारनाथ स्थित एक पवित्र गुफा में ध्यान (अध्यात्म) लगाते दिखाई दिए थे। अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में पहुंचने के बाद पीएम मोदी काशी विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन और पूजा के लिए अनिवार्य रूप से जाते हैं।

पीएम मोदी के उर्जावान रहने की एक वजह उनका सात्विक भोजन ग्रहण करना भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजराती खाना बहुत ज्यादा पसंद है। पीएम बनने के बाद भी उन्होंने अपने खान-पान में परिवर्तन नहीं किया है। अपनी फिटनेस और एनर्जी के बारे में खुद नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि उन्हें मशरूम बहुत पसंद है। इसी से उनको देर तक काम करने की ऊर्जा मिलती है। देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उससे भी पहले वह हिमाचल प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं। बस तभी से वह हिमाचल प्रदेश की मशरूम खाते आ रहे हैं। मशरूम की कीमत 25 से 30 हजार रुपए किलो है। आपको बता दें कि वहां मशरूम की खेती नहीं होती, बल्कि यह देवदार के पेड़ों के नीचे उग आती हैं, जिसे गुच्छी कहा जाता है। यह जनवरी से अप्रैल के बीच उगते हैं।

नरेंद्र मोदी की दिनचर्या में सुबह जल्दी उठना शामिल है। सुबह जल्दी उठने से सिर्फ फिजिकली ही फायदा नहीं होता बल्कि मेंटली भी उन्हें फायदा मिलता है। वह रोजाना सुबह 4 बजे उठ जाते हैं और रात 10 बजे तक लगातार काम में लग रहते हैं। याद होगा एक बार उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मजाक में कहा था कि नरेंद्र मोदी खुद तो सोते नहीं हैं, अपने मंत्रियों को भी ऐसा नहीं करने देते हैं। वे योग के जरिए खुद को दिनभर में एक्टिव रखते हैं। हर रोज सुबह एक घंटा वह योग को देते हैं। इससे बॉडी फिट तो रहती ही है साथ ही दिमागी तौर पर भी मजबूती मिलती है। योग के साथ-साथ वह कुछ समय मेडिटेशन को भी देते हैं। नरेंद्र मोदी की एनर्जी का एक राज गुनगुना पानी भी है, जिसे वे दिन भर पीते रहते हैं। लगातार यात्रा के दौरान उन्हें इससे ही एनर्जी मिलती है। नवरात्रि के नौ दिन के अलावा भी पीएम मोदी उपवास करते हैं और सिर्फ नींबू पानी पर रहते हैं। इससे बॉडी डिटॉक्स होती है, एनर्जी लेवल बना रहता है।दे श से बाहर रहने पर भी वे अपने इस रूटीन को फॉलो करना नहीं भूलते। मल्टीटास्किंग में बेजोड़ मोदी एक विषय से दूसरे विषय, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और एक बैठक से दूसरी बैठक में जाने से कभी थकते नहीं हैं।

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उनकी चुस्त-दुरुस्त दिनचर्या अदरक की चाय से शुरू होती है। इस बीच वह अपने रोजमर्रा के काम भी निपटा लेते हैं। सुबह आठ बजे हल्के नाश्ते में वह कुछ उबला या भुना हुआ ही खाते हैं। इसके बाद वक्त होता है अखबार पढ़ने का। वह राष्ट्रीय व क्षेत्रीय अखबारों में अपने और अपनी नीतियों के बारे में सकारात्मक और नकारात्मक आलेखों को पढ़ते हैं। प्रत्येक मंत्रालय के मीडिया ट्रैकर प्रतिदिन कार्यालय में सुबह छह बजे तक पहुंच जाते हैं ताकि आठ बजे तक मोदी के निवास पर मीडिया का विशिष्ट कवरेज भेज सकें। अगर वह दिल्ली में होते हैं तो हर हालत में सुबह नौ बजे अपने कार्यालय पहुंच जाते हैं। इससे न एक मिनट पहले और न एक मिनट बाद। इसीलिए वह हर नौकरशाह से अपने दफ्तर में उसी समय पहुंचने की उम्मीद करते हैं। अन्य प्रधानमंत्रियों से इतर मोदी अपने निवास के बजाय अपने कार्यालय से ही कामकाज करना पसंद करते हैं। वह अपने कार्यालय भी पैदल ही जाते हैं। इसके बाद अगले 150 मिनट सुशासन और देश के कामकाज के लिए व्यतीत किए जाते हैं। इसमें बैठकें करना, फाइलें और रिपोर्ट चेक करना शामिल है।

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दोपहर का भोजन वह 11.30 बजे ही कर लेते हैं। इसके बाद वह फिर कामकाज में जुट जाते हैं। वह मल्टीटास्किंग में विश्वास रखते हैं और कभी एक मिनट भी नहीं गंवाते। रात का भोजन वह दस बजे करते हैं। रात्रि भोजन के समय उन्हें टीवी देखना पसंद है। इस दौरान वह न्यूज चैनल देखते हैं। खासकर समसामयिक मुद्दों पर परिचर्चा देखना उन्हें पसंद है। इसके बाद वह ई-मेल चेक करते हैं और उनके जवाब भी देते हैं।

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देर रात सोने जाने से पहले वह अपने परिजनों और मित्रों को कुछ फोन कॉल करते हैं। उनके पूरे दिन में यही क्षण उनका नितांत निजी होता है। मोदी अन्य प्रधानमंत्रियों से अलग अपनी टीम को लेकर भी हैं। उनकी टीम में नौकरशाह बने तकनीकी क्षेत्र के लोग ही हैं। तो इन सारी बातों का वह कई सालों से ख्याल रख रहे हैं और नियमबद्ध तरीके से इसे फॉलो भी करते हैं। मोदी के हमेशा ऊर्जावान बने रहने का यही वजह है।