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Govt. New Scheme: इन परियोजनाओं के तहत जल्द होने जा रहा है करोड़ों का फायदा, केंद्र ने राज्यों को दिए ये जरुरी आदेश, जानें डिटेल

Govt. New Scheme: पूंजीगत व्यय के लिए इन फंडों के उपयोग पर जोर देते हुए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से पीएम-एबीएचआईएम के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे जाने वाले प्रस्तावों एवं एमओयू में तेजी लाने का अनुरोध किया गया, जिससे कि राज्यों को ठीक समय पर फंड जारी करने में मंत्रालय को समर्थ बनाया जा सके।

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), आपातकालीन कोविड रिस्पांस पैकेज (ईसीआरपी)-2 , प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), 15वां वित्त आयोग अनुदान एवं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएम-एनडीपी) के तहत वास्तविक तथा वित्तीय प्रगति की समीक्षा करने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की अध्यक्षता की। केंद्र की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि ईसीआरपी-कक स्कीम के तहत सभी कार्यकलापों को 31 दिसंबर 2022 तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सुझाव दिया गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुमोदन मांगने के बजाये, राज्य स्वास्थ्य सोसाइटियों (एसएचएस) को ईसीआरपी-2 के तहत शेष कार्यकलापों का अनुमोदन देने के लिए अधिकृत किया गया है।

ईसीआरपी-2 पैकेज के तहत जारी किए गए फंडों के उपयोग में तेजी लाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, राज्यों को सूचित किया गया कि केंद्रीय हिस्से की 100 प्रतिशत राशि राज्यों को जारी कर दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रेखांकित किया कि कार्यक्रमों एवं पहलों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम ) के तहत आवंटित सरकारी संसाधनों का अनिवार्य रूप से तथा प्रभावी तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए।

वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर मैप करने का किया आग्रह 

उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से फंड के उपयोग के अनुरुप आवश्यक दस्तावेज/उपयोग प्रमाण पत्र प्रदान करने तथा अप्रयुक्त राशि की वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। राज्यों से इन हस्तांतरणों को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) पोर्टल पर मैप करने का भी आग्रह किया गया। मंत्रालय ने कहा कि सभी स्तरों, प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक स्तर पर देखभाल की निरंतरता में सभी स्वास्थ्य प्रणालियों तथा संस्थानों की क्षमताओं का विकास करने के लिए तथा वर्तमान एवं भविष्य की महामारियों/आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार करने के लिए पीएम-एबीएचआईएम के तहत वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 64,180 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

प्रस्तावों एवं एमओयू में तेजी लाने का किया अनुरोध  

पूंजीगत व्यय के लिए इन फंडों के उपयोग पर जोर देते हुए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से पीएम-एबीएचआईएम के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे जाने वाले प्रस्तावों एवं एमओयू में तेजी लाने का अनुरोध किया गया, जिससे कि राज्यों को ठीक समय पर फंड जारी करने में मंत्रालय को समर्थ बनाया जा सके। वास्तविक एवं वित्तीय प्रगति की मैपिंग सुनिश्चित करने के लिए, राज्यों से वास्तविक सुविधाओं की पहचान करने तथा एनएचएम-प्रगति निगरानी प्रणाली (पीएमएस) पोर्टल पर मैपिंग प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया गया।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएम-एनडीपी) के कवरेज को देश भर में विस्तारित करने के लिए, राज्यों से हैमोडायलिसिस प्रोग्राम द्वारा सभी जिलों को कवर करने को तथा इसके साथ साथ पेरिटोनियल डायलिसिस का भी बढ़ावा देने कहा गया है, क्योंकि यह मरीजों के लिए कम प्रतिबंधात्मक है और इसके लिए संस्थानों से कम तकनीकी मांग की आवश्यकता पड़ती है।