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एबीवीपी ने फीस बढ़ाने का किया विरोध, कहा- तत्काल वापस हो फैसला

संघ समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) ने मौजूदा हालात में सरकारी से लेकर निजी संस्थानों में फीस बढ़ाने को अमानवीय बताते हुए विरोध किया है।

नई दिल्ली। संघ समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) ने मौजूदा हालात में सरकारी से लेकर निजी संस्थानों में फीस बढ़ाने को अमानवीय बताते हुए विरोध किया है। और कहा है कि सरकारी व निजी संस्थानों को इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है कि ऑनलाइन शिक्षण और पारंपरिक शिक्षण में मूलभूत अंतर है। दोनों की ट्यूशन फीस समान नहीं हो सकती। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कोरोनाकाल में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों तक में हुई फीस वृद्धि को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।

एबीवीपी (ABVP) की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी (Nidhi Tripathi) ने कहा कि,” देश के शैक्षिक जगत में कोविड-19 (Covid-19) की वजह से व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। चूंकि लोगों को विभिन्न स्तर पर मुश्किलें हो रही हैं, ऐसे में विभिन्न नियामकों को वित्त संबंधी विषयों पर उदारता बरतकर विद्यार्थियों की राहें आसान करना चाहिए। भारत करोड़ों छात्रों का देश है, इस नाते शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों और अभिभावकों की समस्याओं पर गौर करते हुए उनके लिए लचीला रवैया अपनाना होगा, जिससे कोई भी छात्र शैक्षणिक दुनिया से बहिष्कृत न होने पाए।”

nidhi tripathi

संगठन ने कहा है कि, ” चूंकि बीते मार्च में ही देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र परिसरों से घर आ गए थे, इसलिए उनके छात्रावास, मेस शुल्क में उन्हें राहत दी जाए। इस एवज में पूर्व में लिया गया शुल्क छात्रों को वापस कर दिया जाए। इसलिए ट्यूशन फीस तय करने के लिए शिक्षण संस्थानों की ओर से समिति गठित कर शुल्क को शीघ्र तय किया जाए।”