Rajasthan: राजस्थान में बड़ी बगावत, पायलट के सीएम दावेदारी को लेकर कांग्रेस के 82 विधायक दे सकते हैं इस्तीफा

इस बात का जानकारी किसी और ने नहीं, बल्कि गहलोत के विधायक खाचरियावास ने दिया है। विधायकों ने कहा कि हमने ये फैसला एकमत से लिया है। बता दें कि इससे पहले विधायक दल की बैठक भी निर्धारित की गई थी, लेकिन इसे अब निरस्त कर दिया गया है।

सचिन कुमार Written by: September 25, 2022 9:06 pm

नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच खबर है कि गहलोत के 82 विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। इस बात की जानकारी किसी और ने नहीं, बल्कि गहलोत के विधायक खाचरियावास ने दिया है। विधायकों ने कहा कि हमने ये फैसला एकमत से लिया है। बता दें कि इससे पहले विधायक दल की बैठक भी निर्धारित की गई थी, लेकिन इसे अब निरस्त कर दिया गया है। उधर, कांग्रेस के अधिकांश विधायक मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं। विधायकों के गुटों ने साफ कर दिया है कि वे अब सीपी जोशी के आवास पर इस्तीफा देने के लिए रवाना हो चुके हैं।

बता दें कि इससे पहले सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा ने सरकार गिरने के संकेत दे दिए थे, जो कि अब परिलक्षित होती हुई नजर आ रही है। विधायकों के बीच अब गहलोत के विरोध में स्वर तीखे नजर आ रहे हैं। गहलोत के विधायक सरकार के खिलाफ आक्रोशित नजर आ रहे हैं। ध्यान रहे कि इससे पहले  राजेंद्र गुड़ा ने कहा है कि अगर सभी 101 विधायक भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो क्या सरकार बहुमत नहीं खोएगी। मैं इस बैठक में शामिल नहीं हो रहा हूं।

ध्यान रहे कि राजस्थान में सियासी उबाल उस वक्त से देखने को मिल रहा है, जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने की बात कही गई है। इससे पहले राहुल गांधी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि कांग्रेस में एक पद का नियम है। ऐसी स्थिति में अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्य़क्ष का चुनाव लड़ते हैं, तो जाहिर है कि आगामी दिनों में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है, जिसके बाद से राजस्थान की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। उधर, इन सबके बीच सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं तेज हो रही हैं। लेकिन, अभी जिस तरह विधायकों के बीच उबाल देखने को मिल रहा है, अगर यह जीवंत हुआ तो अब राजस्थान भी कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगा। अभी कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने भारत जोड़ो अभियान की शुरुआत की थी। ध्यान रहे कि उन्होंने यह अभियान कांग्रेस की दुरूह हो चुकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए शुरु किया था। लेकिन, मौजूदा वक्त में राजस्थान में जो स्थिति देखने को मिल रही है, उससे यह साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी का भारत जोड़ो अभियान बिल्कुल भी कामयाब होने से चूक गया है।