लखनऊ। बीजेपी इस बार के लोकसभा चुनाव में बड़ा आंकड़ा हासिल करने के लिए तमाम रणनीति बना रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए 370 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य भी तय कर दिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे अहम यूपी है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बीजेपी का दावा है कि इस बार वो इन सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी। इसके लिए बीजेपी ने राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), अपना दल, निषाद पार्टी और सुभासपा को साथ लिया है। बीजेपी नेतृत्व ने यूपी की 51 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान भी कर दिया है। ऐसे में अब ये देखना जरूरी है कि यूपी की सभी 80 सीटों को जीतने के लिए बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को कितना वोट प्रतिशत हासिल करना होगा?
अगर बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करना चाहती है, तो उसे 1984 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखने होंगे। 1984 में उत्तराखंड अलग नहीं हुआ था। तब यूपी में लोकसभा की 85 सीटें थीं। 1984 के लोकसभा चुनाव से पहले इंदिरा गांधी की हत्या भी हो चुकी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर कांग्रेस के साथ थी। नतीजे में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को 51.03 फीसदी वोट यूपी में हासिल हुए थे। उसने सबका सूपड़ा साफ करते हुए तब यूपी की 85 में से 83 सीट पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के पक्ष में 1984 के जो मत प्रतिशत के आंकड़े हैं, उनको ही बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को याद रखना होगा। अगर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को यूपी की सभी 80 सीटें हासिल करनी हैं, तो 50 फीसदी से ज्यादा वोट अपने पक्ष में हासिल करने होंगे। इसके अलावा सपा के जो गढ़ हैं, वहां अपनी पैठ को मजबूत करना होगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में 80 में से 71 सीटें हासिल की थीं। वहीं, 2019 में जब समाजवादी पार्टी और बीएसपी के बीच गठबंधन हुआ, तो बीजेपी यूपी में 64 लोकसभा सीटें ही हासिल कर पाई थी। इस बार यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन है। इसके अलावा मायावती की बीएसपी भी मैदान में होगी। साथ ही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी यूपी की 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। ऐसे में बीजेपी के लिए सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करना आसान बिल्कुल नहीं है। हालांकि, राजनीति में कभी और कुछ भी हो सकता है।