नई दिल्ली। अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सेमीफाइनल के तौर पर 5 राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने जा रहे विधानसभा के चुनाव देखे जा रहे हैं। इन चुनावों में पहली वोटिंग 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीटें हैं, लेकिन नक्सली गतिविधियों की वजह से 7 नवंबर को इनमें से 20 सीटों पर ही वोटिंग कराई जाएगी। वहीं, मिजोरम विधानसभा की 40 सीटों पर इसी तारीख को एक ही दिन में वोटिंग पूरी होगी। छत्तीसगढ़ की जिन सीटों पर पहले दौर में वोटिंग कराई जा रही है, उसके लिए प्रचार आज शाम 5 बजे थम जाएगा। कुछ सीटों पर वोटिंग सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक, तो कुछ पर शाम 5 बजे तक होगी।
छत्तीसगढ़ की जिन सीटों पर 7 नवंबर को वोटिंग होनी है, वे हैं कोंटा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, जगदलपुर, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, केशकाल, कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, मोहला मानपुर, खुज्जी, डोंगरगांव, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, खैरागढ़, कवर्धा और पंडरिया। इन सीटों में से 12 सीटों पर आदिवासी समुदाय प्रत्याशियों की जीत और हार तय करता है। जिन 20 सीटों पर पहले दौर में वोटिंग होने जा रही है, वहां 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जबकि, कुल वोटरों की संख्या 4078681 है। इनमें पुरुष वोटर 1993937 और महिला वोटर 2084675 हैं। थर्ड जेंडर के भी 69 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ की इन 20 सीटों पर करेंगे।
छत्तीसगढ़ में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटें जीती थीं। वहीं, बीजेपी ने 15 सीटें हासिल कर सत्ता गंवा दी थी। बीएसपी को छत्तीसगढ़ विधानसभा के पिछले चुनाव में 7 सीटें हासिल हुई थीं। इस बार कांग्रेस दोबारा यहां सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है। जबकि, बीजेपी उसे सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए है। यहां विकास और भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया हुआ है। खासकर महादेव बेटिंग एप मामले में ईडी की तरफ से कांग्रेस के कद्दावर नेता और सीएम भूपेश बघेल का नाम लिए जाने से वोटिंग से ठीक पहले माहौल को बीजेपी ने गरमा रखा है।
अब बात मिजोरम विधानसभा की करते हैं। मिजोरम में 2018 के विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को 40 में से 27 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस 4, बीजेपी 1 और अन्य 8 सीटों पर जीते थे। इस बार कांग्रेस यहां एमएनएफ को चुनौती देने मैदान में उतरी है। मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाओं का भी मिजोरम के चुनाव पर असर देखे जाने के आसार हैं। फिर भी तमाम ओपिनियन पोल बता रहे हैं कि एक बार फिर मिजोरम में जनता एमएनएफ को सत्ता पर बिठा सकती है।