भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोल एक बार फिर बिगड़े हैं। उन्होंने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तुलना कट्टरपंथी इस्लामी संगठन (पीएफआई) से कर दी। दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो भी नफरत फैलाते हैं, वे एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने पीएफआई पर कार्रवाई के बाद अब आरएसएस और वीएचपी पर भी कार्रवाई की मांग कर दी। दिग्विजय ने कहा कि जो भी हिंसा, घृणा और धार्मिक उन्माद फैलाता है, उसपर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सवाल दागा कि अगर उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो संघ और वीएचपी पर क्यों नहीं हो रही है?
दिग्विजय सिंह ने RSS की तुलना PFI से की है,दिग्विजय सिंह का बयान PFI और RSS एक ही थाली के चट्टे बट्टे,अगर PFI पर कारवाई हो रही है तो RSS और VHP पर भी हो pic.twitter.com/AyC25i83IK
— Satya Vijay Singh (@SatyaVijaySin20) September 24, 2022
जब पत्रकारों ने दिग्विजय से पूछा कि क्या आरएसएस और वीएचपी की तुलना पीएफआई से की जा सकती है, तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर ये एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने संघ और वीएचपी को पीएफआई का पूरक भी बताया। बता दें कि इससे पहले भी दिग्विजय सिंह कई बार आरएसएस को आतंकवादी संगठन बता चुके हैं। यहां तक कि साल 2008 में मुंबई में हुए पाकिस्तानी आतंकियों के हमले को भी वो संघ से जोड़ चुके हैं। दिग्विजय सिंह के ऐसे बयानों पर कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कभी भी कुछ नहीं कहा गया है।
पीएफआई पर कार्रवाई की बात करें, तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते गुरुवार देश के 15 राज्यों में संगठन के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ छापे मारे थे। इन छापों से पता चला था कि पीएफआई जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमला करने वाला था। साथ ही यूपी में दंगे भड़काने और नामचीन लोगों की हत्या के लिए 120 करोड़ का फंड भी जुटाया था। इससे पहले पीएफआई के दो कारकून बिहार में पकड़े गए थे। तब उनके पास संगठन का 8 पेज का दस्तावेज बरामद हुआ था। उस दस्तावेज में बताया गया था कि साल 2047 तक भारत को पीएफआई किस तरह इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहता है। शिवमोगा और केरल में संघ और बीजेपी से जुड़े लोगों की हत्या में भी पीएफआई के हाथ का खुलासा हुआ है। दिल्ली में हुए दंगों में भी संगठन का हाथ सामने आ चुका है।