नई दिल्ली। कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार पर कई मुद्दों को लेकर हमला बोला जा रहा है। इसमें आजकल ये मुद्दा भी जुड़ा है कि मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में देश पर विदेशी कर्ज बहुत हो गया है। कांग्रेस के तमाम नेता इसे लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। अब कांग्रेस के इन्हीं नेताओं पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं की तरफ से कोरोना काल में ज्यादा रुपए छापने की सलाह के बारे में बताया है कि अगर मोदी सरकार ने ये मान लिया होता और धड़ाधड़ नोट छापे होते, तो आज भारत की कैसी दुर्दशा हो सकती थी।
#WATCH | …Those who are alleging that India’s debt has increased to high levels are the same people who advised the govt to print money & distribute it during the pandemic. Had the govt accepted their advice, we would have become the most indebted nation by now & not the… pic.twitter.com/qEYqZjhUnm
— ANI (@ANI) June 14, 2023
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि आज जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि भारत पर कर्ज बढ़ गया है, वे ही कोरोना महामारी के वक्त सरकार को ज्यादा रुपए छापने और लोगों के हाथ में देने का सुझाव भी दे रहे थे। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर सरकार ने इन लोगों का सुझाव मान लिया होता, तो आज हम दुनिया की सबसे तेज दर से बढ़ोतरी करने वाली अर्थव्यवस्था न होते। अगर ज्यादा रुपए छापे होते, तो भारत सबसे ज्यादा कर्जदार देश बन जाता। निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसा करने से क्या होता, ये कई देशों की आज की बर्बादी देखकर पता चल जाता है।
दरअसल, जून 2021 में कोरोना महामारी के चरम पर रहते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को ज्यादा रुपए छापने का सुझाव दिया था। चिदंबरम ने कहा था कि इस मुश्किल घड़ी में लोगों के हाथ में पैसा देना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि साल 2020-21 का वित्तीय वर्ष 4 दशक में सबसे काला साल रहा है। चिदंबरम से पहले नोबल पुरस्कार हासिल करने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भी मोदी सरकार को वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए और रुपए छापने का सुझाव दिया था। चिदंबरम ने अभिजीत बनर्जी का नाम लेकर भी यही बात कही थी। अब चिदंबरम ने कर्ज के मामले में मोदी सरकार को घेरा, तो निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है।