पुणे। अयोध्या में कोर्ट के आदेश से भव्य श्रीराम मंदिर बन गया। यहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई। अब कोर्ट में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के मसले चल रहे हैं। ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे में वहां पहले प्राचीन मंदिर होने की बात कही गई है। वहां, हिंदू पक्ष प्राचीन विश्वेश्वर का मंदिर होने का दावा करता है। वहीं, एक आरटीआई के जवाब में एएसआई ने कहा है कि मथुरा में मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी। मथुरा में जहां शाही ईदगाह मस्जिद है, वहां पहले भगवान केशवदेव का विशाल मंदिर होने की बात हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कही है। इन सब विवादों के बीच अब हिंदू धर्म के बड़े संत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष संत गोविंद देव गिरी महाराज ने मुस्लिमों को ऑफर देते हुए अहम बयान दिया है।
संत गोविंद देव गिरी महाराज ने मुस्लिम पक्ष को ऑफर देते हुए कहा है कि अगर 3 मंदिर मुक्त हो गए, तो हम दूसरे मंदिरों की ओर देखने का इरादा भी नहीं रखते। उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि हम भूतकाल की जगह भविष्य में जीना चाहते हैं। संत गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा कि अगर अयोध्या के बाद ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हमें शांति से मिल जाती है, तो हम अन्य के बारे में भूल जाएंगे। सुनिए गोविंद देव गिरी महाराज ने क्या कहा है।
#WATCH | Pune, Maharashtra: Treasurer of Sri Ram Janambhoomi Trust Govind Dev Giri Maharaj says “We do not even desire to look at the other temples if three temples are freed because we have to live in the future and not in the past. The country’s future should be good and if we… pic.twitter.com/D4d4fQgViz
— ANI (@ANI) February 5, 2024
जब अयोध्या का राम मंदिर आंदोलन चल रहा था, उस वक्त भी विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी के नेता लगातार कहते थे कि अयोध्या, काशी यानी वाराणसी और मथुरा में मंदिर तोड़कर बनाई गईं मस्जिदों को हटाना उनकी प्राथमिकता है। वीएचपी के नेता लगातार कहते रहे कि ये तीन जगह हिंदुओं को मुस्लिम स्वेच्छा से दें, तो अन्य विवादित जगहों के लिए कोई दावा नहीं किया जाएगा। अब गोविंद देव गिरी महाराज का ताजा बयान ये बताता है कि देश में अमन-चैन के लिए 3 धार्मिक स्थलों के अलावा हिंदू पक्ष किसी और जगह के लिए मुस्लिम पक्ष से टकराव नहीं लेना चाहता। खास बात ये भी है कि पहले ही आरएसएस के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं तलाशना चाहिए।