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Delhi: शराब नीति में फंसे सिसोदिया की बढ़ी मुश्किलें, LG ने इस मामले में मुख्य सचिव से मांग ली एक और रिपोर्ट

Delhi: बता दें कि अभी तक नई शराब नीति को लेकर केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच लड़ाई चल रही थी और इसी बीच क्लासरूम बनाने में हेराफरी को आरोप लगा है। उसमें विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट में देरी क्यों की गई है इसको लेकर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे में एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय कुमार सक्सेना आमने-सामने आ सकते है। 

नई  दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। नई शराब नीति में घिरे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष की मुसीबतें कम होने की वजह से और बढ़ती दिखाई दे रही है। बता दें कि नई शराब नीति को लेकर सीबीआई जांच का सामने कर रहे है। वहीं दिल्ली में सियासी दंगल के बीच उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने सिसोदिया के खिलाफ एक और मामले में जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आतंरिक कक्षाओं को लेकर हेराफेरी और खामियों की बात सामने आई थी। जिसको लेकर एलजी ने अब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। सीवीसी जांच रिपोर्ट पर सर्तकता विभाग की तरफ से कार्रवाई में ढाई साल की देरी के लिए एलजी ने चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब की है। जिसके बाद दिल्ली में एक और विवाद की शुरुआत होने जा रही है।

बता दें कि अभी तक नई शराब नीति को लेकर केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच लड़ाई चल रही थी और इसी बीच क्लासरूम बनाने में हेराफरी को आरोप लगा है। उसमें विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट में देरी क्यों की गई है इसको लेकर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे में एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय कुमार सक्सेना आमने-सामने आ सकते है।

manish sisodia and arvind kejriwal

ज्ञात हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता केंद्र सरकार और उपराज्यपाल पर आरोप लगा रहे है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को टारगेट किया जा रहा है। इसी बीच स्कूलों में अतिरिक्त क्लासरूम बनने थे उसको लेकर एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि सीवीसी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लास निर्माण में गड़बड़ी की बात कही थी। सीवीसी ने 17 फरवरी 2020 में ये रिपोर्ट थी। लेकिन 2.5 साल के बाद भी अभी तक मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया है।