नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। ममता बनर्जी ने 13 जनवरी को दिल्ली में होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक से किनारा कर लिया है। इस बैठक को सोनिया गांधी ने आयोजित किया है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और वामदल पश्चिम बंगाल में गंदी राजनीति कर रहे हैं। इसलिए नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ वह अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगी।
ममता बनर्जी के इस फैसले को नागरिकता कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शन के जरिये केंद्र सरकार को घेरने को लेकर विपक्षी एकता की कोशिशों को तगड़ा झटका माना जा रहा है।
Chief Minister Mamata Banerjee to boycott the January 13 opposition meeting in Delhi, alleging that Congress and Left are ‘playing dirty politics in West Bengal’ and that she will fight against #CAA and #NRC alone. (file pic) pic.twitter.com/u3L3cKqI1j
— ANI (@ANI) January 9, 2020
ममता बनर्जी का यह स्टैंड इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ अपने राज्य पश्चिम बंगाल में विरोध का झंडा उठा रखा है। पूरे राज्य में वह एनआरसी और सीएए के खिलाफ कई रैली कर चुकी हैं। कई जगहों पर उन्होंने मार्च भी किया है।
बता दें कि बुधवार को ममता बनर्जी ने वामदलों और कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि जिनका राज्य में कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं है वह हड़ताल की सस्ती राजनीति कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा था कि वह केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों, सीएए और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में बुलाए गए बंद के मकसद का समर्थन करती हैं लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी प्रकार के बंद के विरोध में हैं।