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Maharashtra: ‘न पानी दिया न बाथरूम जाने दिया,मेरी जाति पर भी की अभद्र टिप्पणी’, नवनीत राणा का महाराष्ट्र पुलिस पर आरोप

Maharashtra: इन लोगों के लिए लोकतंत्र के कोई मायने नहीं है, लेकिन हम भी चेतावनी दे देते हैं कि अंत तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से हनुमान चालीसा को लेकर बहस का सिलसिला जारी है और इस बहस की शुरुआत किसी और ने नहीं, बल्कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने यह कहकर की थी कि सभी  मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा लिए जाए, नहीं तो इसके विरोध में हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर से ही पढ़ा जाएगा।

नई दिल्ली। निर्दलीय विधायक नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को खत लिखकर अपनी व्यथा प्रकट की है। उन्होंने पुलिस हिरासत में हुई अपनी दुर्दशा को बयां करते हुए कहा कि न ही उन्हें पीने के लिए पानी दिया गया और न ही बाथरूम जाने दिया गया। राणा ने कहा कि जब उन्होंने पुलिसकर्मियों से पानी मांगा तो उन्होंने पानी देने से यह कहकर इनकार कर दिया कि तुम अनुसूचित जाति की हो। इस गिलास से सभी पुलिसवाले पानी पीते हैं। हम तुम्हें इसमें पानी नहीं दे सकते हैं। इतना ही नहीं, राणा ने अपने पत्र में लिखा है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी जाति पर भी अभद्र टिप्पणी की है। राणा ने आगे कहा कि मुझे बाथरूम तक जाने नहीं दिया गया। मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया। मेरे साथ दुर्वव्यहार किया गया। जिसकी वजह मुझे कई दुश्वारियों से होकर गुजरना पड़ा है। बता दें कि बीते शनिवार को उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के ऐलान के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने राणा दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया था। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक, राणा दंपत्ति के उपरोक्त ऐलान के परिणामस्वरूप होने वाले तनाव को ध्यान में रखते हुए गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब इस गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमाने लगी है।

navneet rana

बीजेपी और शिवसेना के बीच वाकयुद्ध अपने चरम है। तो वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल का कहना है कि राणा दंपत्ति को हनुमान चालीसा पढ़ने की वजह से नहीं, बल्कि उनके उपरोक्त ऐलान के परिणामस्वरूप संभावित तनाव को ध्यान में रखते हुए गिरफ्तार किया गया है। अगर उन्हें हनुमान चालीसा पढ़नी ही है, तो वे अपने घर पर जाकर पढ़े। क्या जरूरत है, मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की। गौरतलब है कि राणा दंपत्ति द्वारा मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के ऐलान के बाद शिवसैनिकों ने राणा के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। और पुलिस में धार्मिक भावनाओं को आहत के आरोप में एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। जिसके बाद बीते शनिवार को महाराष्ट्र पुलिस ने राणा दंपत्ति को गिरफ्तार किया था। ध्यान रहे कि राणा दंपत्ति को 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी के मामले में गिरफ्तारी हुई है। वहीं, बीते रविवार को अभियोजन पक्ष की तरफ से राणा दंपत्ति की पुलिस रिमांड मांगी गई थी। जिसे खारिज कर दिया गया। बता दें कि अब राणा दंपत्ति को आगामी 6 मई तक सलाखों के पीछे ही रहना होगा। हालांकि, आगामी 29  अप्रैल को इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।

वहीं, नवनीत राणा ने अपने उपरोक्त ऐलान के संदर्भ में कहा कि शिवसेना अपने मूल उद्देश्य से भटक चुकी है, इसलिए उन्होंने बीते दिनों मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। उधर, इस पूरे मसले पर बीजेपी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संदर्भ में आज प्रेसवार्ता कर कहा कि पुलिस ने नवनीत राणा के साथ बदसुलूकी की है। उन्हें पीने के लिए पानी नहीं दिया गया। उन्हें बाथरूम तक जाने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसा महाराष्ट्र में कभी-भी देखने को नहीं मिला था।  फडणवीस ने आगे कहा कि कुछ अंहकारी लोग सत्ता में बैठे हुए हैं। ये लोग लोकतंत्र को कुलचने का काम कर रहे हैं।

इन लोगों के लिए लोकतंत्र के कोई मायने नहीं है, लेकिन हम भी चेतावनी दे देते हैं कि अंत तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से हनुमान चालीसा को लेकर बहस का सिलसिला जारी है और इस बहस की शुरुआत किसी और ने नहीं, बल्कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने यह कहकर की थी कि सभी  मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा लिए जाए, नहीं तो इसके विरोध में हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर से ही पढ़ा जाएगा। जिसके बाद देश के कई हिस्सों में इसे लेकर विवाद देखने को मिला। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर जमकर राजनीति देखने को मिल रही है। अब आगे चलकर यह पूरा मामला क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी