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Delhi: आबकारी घोटाले में घिरे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी संभव, CBI ने जारी किया लुकआउट नोटिस

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया ने अपने करीबियों के जरिए नई आबकारी नीति बनाकर दिल्ली सरकार के खजाने को 144 करोड़ रुपए की चपत लगाई। उनपर अपने करीबी शराब ठेकेदारों और शराब बनाने वालों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है। इसी आरोप में सीबीआई ने दो दिन पहले मनीष के घर समेत देशभर में 21 जगह छापे मारे थे।

नई दिल्ली। नई आबकारी नीति में कथित रूप से हुए घोटाले में फंसे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सीबीआई ने अब उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है। यानी मनीष सिसोदिया अब देश छोड़कर जा नहीं सकेंगे। इस नोटिस के जारी होने के बाद आज सुबह मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में सिसोदिया ने लिखा, ‘आपकी सारी रेड फेल हो गयी, कुछ नहीं मिला, एक पैसे की हेरा फेरी नहीं मिली, अब आपने लुक आउट नोटिस जारी किया है कि मनीष सिसोदिया मिल नहीं रहा। ये क्या नौटंकी है मोदी जी? मैं खुलेआम दिल्ली में घूम रहा हूं, बताइए कहां आना है? आपको मैं मिल नहीं रहा?’

बता दें कि सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया ने अपने करीबियों के जरिए नई आबकारी नीति बनाकर दिल्ली सरकार के खजाने को 144 करोड़ रुपए की चपत लगाई। उनपर अपने करीबी शराब ठेकेदारों और शराब बनाने वालों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है। इसी आरोप में सीबीआई ने दो दिन पहले मनीष के घर समेत देशभर में 21 जगह छापे मारे थे। सिसोदिया के घर से सीबीआई ने उनका मोबाइल फोन, कंप्यूटर और कुछ फाइलें जब्त की हैं। सीबीआई ने इस मामले में सिसोदिया के करीबी 5 अफसरों को कल पूछताछ के लिए भी बुलाया था।

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कल ही मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी को निशाने पर लिया था। सिसोदिया ने दावा किया था कि उन्होंने कोई गलती नहीं की। उन्होंने कहा था कि जांच पहले भी कई मामलों में हो चुकी है और कभी कुछ गलत नहीं पाया गया। मनीष ने ये आरोप लगाया था कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता बढ़ रही है और इसी वजह से घबराकर बीजेपी और मोदी ऐसी छापेमारी करा रहे हैं। हालांकि, वो इन सवालों का जवाब नहीं दे सके कि शराब बनाने वाली कंपनी को नियमों के खिलाफ शराब बेचने की मंजूरी क्यों दी और सीबीआई जांच का आदेश होते ही नई आबकारी नीति को वापस क्यों लिया।