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RLD In Rajya Sabha Election: यूपी की राज्यसभा सीटों के चुनाव में जयंत चौधरी की आरएलडी किसे करेगी वोट? पार्टी ने किया है ये अहम फैसला

RLD In Rajya Sabha Election: बीजेपी ने 8वें प्रत्याशी के तौर पर अपनी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ को मैदान में उतार दिया। इससे अब वोटिंग की नौबत आ गई है। अगर बीजेपी की तरफ से अखिलेश यादव के खेमे में ठीक से सेंधमारी हो जाती है, तो समाजवादी पार्टी को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

लखनऊ। यूपी से भी राज्यसभा की 10 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। राज्यसभा की इन सीटों पर वोटिंग 27 फरवरी को होगी। इस अहम चुनाव में अब राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी ने साफ कर दिया है कि वो किसके पक्ष में वोट देगी। यूपी विधानसभा में आरएलडी के 9 विधायक हैं। जयंत चौधरी की आरएलडी ने कहा है कि उसके सभी विधायक बीजेपी को वोट करेंगे। साथ ही सोमवार यानी कल सीएम योगी आदित्यनाथ की बुलाई बैठक में भी आरएलडी के विधायक शामिल होने वाले हैं। आरएलडी के विधायकों का वोट मिलने से राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को अपना 8वां प्रत्याशी जिताने में काफी मदद मिलेगी।

यूपी में राज्यसभा की 10 सीटें खाली हुईं। समाजवादी पार्टी ने 7 सीटों और समाजवादी पार्टी ने 3 सीट पर प्रत्याशी उतारे। इसके बाद समाजवादी पार्टी खेमे में शामिल अपना दल कमेरावादी की विधायक पल्लवी पटेल की अखिलेश यादव के प्रति नाराजगी सामने आई। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कई और विधायकों की भी नाराजगी की खबरें छनकर निकलीं। इसी के बाद बीजेपी ने 8वें प्रत्याशी के तौर पर अपनी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ को मैदान में उतार दिया। इससे अब वोटिंग की नौबत आ गई है। अगर बीजेपी की तरफ से अखिलेश यादव के खेमे में ठीक से सेंधमारी हो जाती है, तो समाजवादी पार्टी को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।

अखिलेश यादव के सामने ये समस्या भी है कि अगर कांग्रेस के दोनों विधायक उनकी पार्टी के प्रत्याशी आलोक रंजन, रामजीलाल सुमन और जया बच्चन को वोट दे भी दें, तो भी तीनों को जिताने के लिए उनके पास 2 वोट की कमी हो सकती है। वहीं, बीजेपी और सहयोगी दलों को अपना आठवां उम्मीदवार जिताने के लिए और 6 वोट की जरूरत होगी। ऐसे में आरएलडी का बीजेपी के खेमे में वोटिंग करने का फैसला काफी अहम माना जा रहा है। खास बात ये है कि राज्यसभा चुनाव और राष्ट्रपति चुनाव में दूसरी पार्टी को वोट देने पर भी दलबदल कानून लागू नहीं होता। हालांकि, विधायकों को अपनी पार्टी के पोलिंग एजेंट को दिखाना होता है कि वो किसके पक्ष में वोट दे रहे हैं।