नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत हमेशा अपने बयानों को लेकर प्रखर रहे हैं। उन्होंने हर मुद्दे पर बेबाक राय रखी है। अब मोहन भागवत ने जनसंख्या विस्फोट को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर वो सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि जीवन जीने का लक्ष्य सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाना नहीं होना चाहिए..ये तो जानवर भी कर लेते हैं। सबके जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिए। बता दें कि भागवत ने जनसंख्या विस्फोट के अलावा कई मुद्दों पर खुलकर बात की है।
जीवन का लक्ष्य होना है जरूरी- मोहन भागवत
अपने पूरे बयान में मोहन भागवत ने कहा कि सिर्फ जिंदा रहना जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए। खाना खाकर आबादी बढ़ाने का काम तो जानवर भी कर लेते हैं। जो शक्तिशाली होगा वहीं जंगल का राजा होगा। सभी लोगों के जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिए। मनुष्य को सिर्फ अपने लक्ष्य पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जो इंसान दूसरों की रक्षा करता है असल मायनों में वहीं सच्चा मनुष्य होता है। भागवत ने अपने पूरे बयान में कहा कि मनुष्य के कई कर्तव्य होते हैं जिनका पालन और निर्वाहन उन्हें करते रहना चाहिए। ये बयान मोहन भागवत ने मोहन भागवत ने कर्नाटक स्थित श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के दौरान दिए।
अध्यात्म है सर्वश्रेष्ट- मोहन भागवत
राष्ट्र पर बात करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने राष्ट्र की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया लेकिन ये प्रक्रिया खुद या एकदम से शुरू नहीं हुई थी। अध्यात्म पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अध्यात्म हमेशा श्रेष्ठता दिलाता है। विज्ञान भी अध्यात्म के आगे कमजोर है। विज्ञान ने कई बार अध्यात्म को जानने की कोशिश की लेकिन सिर्फ एक बुना हुआ जाल ही पाया। कोई भी अभी तक अध्यात्म की जड़ तक नहीं पहुंच पाया है। उन्होंने कहा कि देश पिछले कई सालों से तरक्की की राह पर है। पिछले सालों के दौरान देश ने काफी विकास देखा है।