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Sanjai Nirupam : कांग्रेस के सपोर्ट के बिना एक भी सीट नहीं जीतेगी शिवसेना (यूबीटी), संजय निरूपम ने दी खुली चुनौती

Sanjai Nirupam : कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई के मराठी भाषी समाज में यूबीटी ग्रुप के खिलाफ ज़बरदस्त नाराज़गी है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच एक राय नहीं बन पाने के बाद अब पार्टी नेता खुलकर एक दूसरे के सामने आ गए हैं। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को खरी-खरी सुनाते हुए सोशल मीडिया पोस्ट पर खुली चुनौती दे डाली।

कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि जब कांग्रेस नेतृत्व ने कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट का प्रस्ताव दिया तो शिवसेना का यूबीटी ग्रुप बिलबिला गया है। यूबीटी के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता ने कांग्रेस को धमकी दी है और कहा है कि सभी सीटों पर फ्रेंडली फाइट करिए। इस बिलबिलाहट का क्या कारण है? इसका कारण ये है कि यूबीटी ग्रुप बिना कांग्रेस के सपोर्ट के एक भी सीट नहीं जीत पाएगा। यह मेरी खुली चुनौती है। वैसे भी, मुंबई के मराठी भाषी समाज में यूबीटी ग्रुप के खिलाफ ज़बरदस्त नाराज़गी है। उम्मीद करता हूँ इस माहौल में कांग्रेस नेतृत्व शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता की गीदड़ भभकी में नहीं आएगा, वरना महाराष्ट्र से कांग्रेस को हदपार करने का पुख़्ता इंतज़ाम कर दिया गया है।

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने पिछले बुधवार को लोकसभा की 17 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार घोषित कर दिए। घोषित सीटों में कई सीटें ऐसी हैं जिन पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारना चाहती थी, लेकिन इन पर उद्धव की शिवसेना ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। इन सीटों में सांगली और मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा सीट है। उद्धव ठाकरे यूबीटी ने मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा सीट से अनिल देसाई के नाम की घोषणा की है। कांग्रेस इस सीट से वर्षा गायकवाड़ को उतारना चाहती थी। इसके बाद संजय निरुपम ने अपनी पार्टी कांग्रेस से मुंबई में उद्धव की यूबीटी के साथ गठबंधन तोड़ने और इसके बजाय एक दोस्ताना मुकाबले में जाने का आग्रह किया था। इसके बाद से ही दोनों दल खुलकर एक दूसरे के सामने आ गए हैं।