कुरुक्षेत्र। केंद्र सरकार ने रविवार को किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत में प्रस्ताव रखा था कि फसल विविधिकरण अपनाने वाले किसानों से सहकारी एजेंसियां एमएसपी पर उपज खरीद के लिए पांच साल का अनुबंध करेंगी। यह अनुबंध दलहन, मक्का और कपास की फसलों के लिए होगा, जिनकी 5 साल तक एमएसपी पर खरीद की जाएगी। अब संयुक्त किसान मोर्चा ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कहा है कि तिलहन और बाजरा को भी केंद्र सरकार अपनी इस एमएसपी लिस्ट में शामिल करे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एलान किया कि अगर केंद्र सरकार उनकी इस मांग को नहीं मानती है, तो हरियाणा के किसान भी आंदोलन में शामिल होंगे।
#WATCH | Kurukshetra, Haryana | Farmer leader Gurnam Singh Charuni says, “There is time until 21st February. The government should think and understand that these two things (Oilseeds and Bajra) are very important (for procurement). Just like they mentioned pulses, maize and… pic.twitter.com/0VDvTUDqZM
— ANI (@ANI) February 19, 2024
इससे पहले केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आंदोलन खत्म करने के लिए 3 दौर की बात हो चुकी थी। रविवार को चौथे दौर की बात हुई थी। जिसमें केंद्र सरकार ने 5 साल तक कुछ और फसलों की एमएसपी पर खरीद का प्रस्ताव दिया था, लेकिन पहले इस बाबत कोई बात न कह रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने अब नई मांग रख दी है। अब सबकी नजर इस पर है कि केंद्र सरकार संयुक्त किसान मोर्चा की ताजा मांग को मानती है, या किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता है।
किसान नेता और भी कई मांगें केंद्र के सामने रख चुके हैं। इनमें बिजली संबंधी नए कानून को वापस लेना, किसानों पर से मुकदमे खत्म करना, 58 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को हर महीने 10000 रुपए पेंशन, डब्ल्यूटीओ से हटना और किसानों के कर्ज माफ करने की मांगें शामिल हैं। केंद्र सरकार ने इनमें से कुछ मांगों पर सकारात्मक रवैया अपनाने की बात कही थी। कल जब केंद्र की तरफ से एमएसपी संबंधी प्रस्ताव दिया गया और उस पर किसान नेता सकारात्मक दिखे, तो लग रहा था कि अब आंदोलन खत्म हो जाएगा। अब संयुक्त किसान मोर्चा ने जिस तरह ताजा मांग रख दी है, उससे फिलहाल नहीं लग रहा कि किसान आंदोलन जल्दी खत्म होगा। किसान नेता पहले ही कह चुके हैं कि अगर केंद्र के साथ समझौता नहीं हुआ, तो 21 फरवरी से वे फिर दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। किसानों के जत्थों को फिलहाल हरियाणा पुलिस ने पंजाब से लगती शंभु बॉर्डर पर रोक रखा है।