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Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा-पाठ की मंजूरी वाली अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, शंकराचार्य ने की है अपील

सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दे रखी है। इस अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा और रागभोग करने की मंजूरी मांगी गई है। पहले इस अर्जी पर 18 नवंबर को सुनवाई होनी थी।

नई दिल्ली। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मसला कई अदालतों में चल रहा है। वाराणसी की जिला अदालत के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी कई अर्जियां दी गई हैं। इन्हीं में से एक अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दे रखी है। इस अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा और रागभोग करने की मंजूरी मांगी गई है। पहले इस अर्जी पर 18 नवंबर को सुनवाई होनी थी। जिसे कोर्ट ने आज तक के लिए टाल दिया था।

shivling gyanvapi masjid

वहीं, इसी संबंध में एक और अर्जी वाराणसी में फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी विचाराधीन है। उसमें भी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले देवी-देवताओं की मूर्तियों, शृंगार गौरी और शिवलिंग जैसी आकृति की रोज पूजा का अधिकार माना गया है। इस अर्जी में ज्ञानवापी मस्जिद में मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की भी अपील की गई है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज करते हुए हिंदुओं की अर्जी को सुनवाई योग्य माना था। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को हिंदुओं को सौंपने की एक अर्जी पर वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश भी सुनवाई कर रहे हैं।

Allahabad High Court..

सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी ज्ञानवापी मस्जिद में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की वैज्ञानिक जांच के मसले पर सुनवाई हुई थी। तब भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण यानी एएसआई ने कहा था कि कार्बन डेटिंग के अलावा भी नई तकनीकी है। जिससे इस आकृति की प्राचीनता की जांच की जा सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दी गई है कि पूरे ज्ञानवापी परिसर की प्राचीनता की जांच की जाए।