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भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच यूपी में योगी सरकार ने चीनी कंपनियों को दिया बड़ा झटका, यहां पढ़ें

भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा विवाद (Border Dispute) जारी है। दूसरी बार सीमा पर दोनों सेनाओं में झड़प होने के बाद ये तनाव और बढ़ गया। इसको देखते हुए योगी सरकार (Yogi Goverment) ने चीन को बड़ा झटका देने की तयारी कर ली है।

लखनऊ। भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा विवाद (Border Dispute) जारी है। दूसरी बार सीमा पर दोनों सेनाओं में झड़प होने के बाद ये तनाव और बढ़ गया। इसको देखते हुए योगी सरकार (Yogi Goverment) ने चीन को बड़ा झटका देने की तयारी कर ली है। जिसके तहत भारत के चीन समेत कुछ पड़ोसी देशों की कंपनियां अब यूपी (Uttar Pradesh) में किसी सरकारी प्रोजेक्ट के टेंडर में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।

CM Yogi Adityanath

प्रदेश सरकार ने सभी विभागों से इस पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें सरकारी खरीद में कुछ निश्चित देशों के बिडर्स या कंपनियों के शामिल होने पर रोक के संबंध में सभी विभागों से आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। इस संबंध में सभी विभागों को एक पत्र भेजा गया है। इसमें पीपीपी वाली परियोजनाएं, राज्य द्वारा संचालित परियोजनाएं, सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों व स्थानीय निकायों की परियोजनाएं व इसमें सरकारी खरीद शामिल हैं।

Indian china

असल में भारत से लगने भौगोलिक सीमा वाले देशों में चीन, म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका व नेपाल आदि हैं। वैसे तो आदेश में किसी देश का नाम नहीं लिया गया है लेकिन मौजूदा हालात व सीमा पर तनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि इस समय चीन की कंपनियां इससे ज्यादा प्रभावित होंगी। चीनी ऐप सरकार ने पहले से प्रतिबंधित किए हैं।

रजिस्ट्रेशन से पहले लेनी होगी रक्षा मंत्रालय से अनुमति

केंद्र सरकार ने यूपी सरकार को आदेश जारी कर तय व्यवस्था को लागू करने को कहा है। अब प्रदेश सरकार एक सक्षम प्राधिकरण बनाएगी। इस प्राधिकरण के तहत संबंधित देशों की कंपनियों को यहां रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पहले इन कंपनियों को रक्षा मंत्रालय व विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति व गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी।

yogi

प्राधिकरण इस बात का विवरण रहेगा कितनी कंपनियों के आवेदन आए, कितनों के निरस्त किए गए और कितने आवेदन मंजूर किए गए। इससे संबंधिति पूरी रिपोर्ट प्रदेश सरकार हर तीसरे महीने केंद्र सरकार के कैबिनेट सेकेट्री को भेजेगी। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा व देश की रक्षा के लिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं।