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वैज्ञानिकों ने किया खुलासा, सेक्स हार्मोन से कोरोना का है सीधा कनेक्शन

कई स्टडीज में इस बात का दावा किया जा चुका है कि महिलाओं के मुकाबले पुरूषों में कोरोना वायरस फैलने की ज्यादा संभावना होती है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस का कहर दुनियाभर में इस वक्त बेहद तेजी से बढ़ रहा है। हर देश इस महासंकट से जूझ रहा है। वहीं कई स्टडीज में इस बात का दावा किया जा चुका है कि महिलाओं के मुकाबले पुरूषों में कोरोना वायरस फैलने की ज्यादा संभावना होती है। अब एक नई स्टडी की मानें तो जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्तर कम होता है, उनमें कोरोना वायरस से मरने का खतरा अधिक होता है। ये स्टडी जर्मनी के University Medical Center Hamburg-Eppendorf के शोधकर्ताओं द्वारा की गई है।

Science Times की रिपोर्ट के मुताबिक, ये स्टडी कोरोना वायरस के 45 मरीजों पर की गई जिनमें 35 पुरुष और 10 महिलाएं शामिल थीं. ये सभी मरीज आईसीयू में भर्ती थे। इनमें से नौ पुरुषों और तीन महिलाओं की मौत हो गई जबकि सात मरीजों को ऑक्सीजन और 33 मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत महसूस हुई।

35 पुरुषों में से, दो तिहाई से अधिक लगभग 69 फीसदी पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था। ये सेक्स हार्मोन शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (Immune Response) को नियंत्रित करने में मदद करता है। वहीं स्टडी में शामिल 60 फीसदी महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर ज्यादा पाया गया।

पर्याप्त हार्मोन के बिना शरीर का इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर पाता है, जिससे जानलेवा साइटोकिन स्टॉर्म ( Cytokine Storm) का खतरा बढ़ जाता है। इम्यून सिस्टम जब किसी रोगाणु को मारने की कोशिश करता है तो टेस्टोस्टेरोन की कमी से इस प्रक्रिया में बाधा आ जाती है, जिसकी वजह से साइटोकिन स्टॉर्म हो जाता है।

हार्मोन का निम्न स्तर पुरुषों में इम्यून रिस्पॉन्स को नियंत्रित नहीं कर पाता है, वहीं स्टडी के अनुसार महिला मरीजों में इसकी उच्च मात्रा की वजह से बढ़ा हुआ इंफ्लेमेशन (जलन) देखा गया।

हैम्बर्ग के Leibniz Institute for Experimental Virology के प्रोफेसर गुल्साह गेब्रियल ने डेली मेल को बताया, ‘जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य होता है उनमें साइटोकिन स्टॉर्म नहीं होता है और उनके जिंदा रहने की संभावना अधिक होती है।