इस्लामाबाद। तेल, आटा, चावल, चीनी, अंडा और रोजमर्रा की चीजें। हर चीज महंगी और जनता की बददुआ। पाकिस्तान के नए हुक्मरान शाहबाज शरीफ को शायद लग गया कि हालात अब भी न संभले, तो उनकी गति भी इमरान खान जैसी हो सकती है। नतीजे में वो फिर भारत से पाकिस्तान के व्यापार के रिश्ते कायम करने की दिशा में आगे बढ़े हैं। शाहबाज ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग में एक बार फिर ट्रेड मिनिस्टर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान के भारत स्थित उच्चायोग में कमर जमान को बतौर नया ट्रेड मिनिस्टर नियुक्त किया गया है। वो जल्दी ही अपना कामकाज संभाल लेंगे।
वैसे इमरान खान के पीएम रहते ही पाकिस्तान के तमाम बिजनेसमैन देश की हालत खराब देखकर भारत से व्यापारिक रिश्ते फिर से जोड़ने की बात कहने लगे थे, लेकिन इमरान इस पर फैसला लेने से पहले ही पद से रुखसत हो गए। पाकिस्तान के बिजनेस ग्रुप्स का मानना था कि भारत से फिर व्यापारिक रिश्ते शुरू होने पर महंगाई को काफी हद तक काबू में किया जा सकेगा। पाकिस्तान के भारत स्थित उच्चायोग में पहले भी ट्रेड मिनिस्टर का पद था। फिर जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने रद्द करवा दिया। जिसके विरोध में तब ट्रेड मिनिस्टर रहे इरफान तारड़ का कार्यकाल खत्म होने के बाद इमरान खान सरकार ने किसी और को नियुक्त नहीं किया था।
पाकिस्तान के हुक्मरानों की बात करें, तो उनमें दूरदर्शिता की कमी ही देखने को मिली है। भारत से 4 बार जंग कर चुके पाक के पीएम रहे जुल्फिकार अली भुट्टो ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान गंवाने के बाद अपने देश की संसद में एलान किया था कि चाहे पाकिस्तानियों को घास खानी पड़े, लेकिन उनका मुल्क एटम बम जरूर बनाएगा। विदेश से तकनीकी की चोरी कर पाकिस्तान ने एटम बम तो बना लिया, लेकिन वाकई उसकी जनता के सामने घास खाने की ही नौबत पिछले कुछ साल में बन गई थी।