नई दिल्ली। कोरोनावायरस से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की हालत खराब है। अमेरिका में मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इन सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) को आड़े हाथों लिया है। ट्रंप ने WHO को धमकी भरे लहजे में फंड रोकने की बात कही है।
इसके अलावा ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया है कि वो चीन पर अधिक ध्यान देता है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़े पैमाने पर धन मिलता है। मैंने चीन के लिए यात्रा पर बैन लगाया तो वो मुझसे असहमत थे और उन्होंने (डब्ल्यूएचओ) ने मेरी आलोचना की। वे बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे। ऐसा लग रहा है कि उनका चीन पर ज्यादा ध्यान है। हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने जा रहे हैं।’
डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन पर बड़ी रोक लगाने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के इस निकाय के फंडिग का बड़ा स्रोत अमेरिका है। ‘अमेरिका पहले’ का नारा देने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च किए जाने वाले धन पर रोक लगाने जा रहे हैं।’ ट्रंप पहले भी संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करने वाली एजेंसियों को निशाने पर ले चुके हैं।
फिलहाल उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की कि वो डब्ल्यूएचओ के लिए खर्च किए जाने वाले कितने पैसे पर रोक लगाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि मैं यह करने जा रहा हूं।” उन्होंने कहा, ‘हम फंडिंग खत्म करने पर विचार करेंगे।’ डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक डब्ल्यूएचओ “चीन की ओर बहुत पक्षपाती प्रतीत होता है, यह सही नहीं है।”
The W.H.O. really blew it. For some reason, funded largely by the United States, yet very China centric. We will be giving that a good look. Fortunately I rejected their advice on keeping our borders open to China early on. Why did they give us such a faulty recommendation?
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 7, 2020
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले विमानों पर रोक लगाने का जिक्र करते हुए ट्रंप ने पूछा कि डब्ल्यूएचओ ने “इस तरह की दोषपूर्ण सिफारिश क्यों की है।” डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रैवल बैन लगाने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘सौभाग्य से मैंने चीन से अपनी सीमाएं जल्द खोलने की उनकी सलाह को खारिज कर दिया।’