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Mayawati And I.N.D.I.A: मायावती या अखिलेश? इंडिया गठबंधन के सामने फंसे हैं ये मुश्किल पेच!

Mayawati And I.N.D.I.A: विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने 28 दलों को जुटा तो लिया, लेकिन तमाम राज्यों की तरह सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में एक पेच फंसा हुआ है और ये पेच काफी मुश्किल भी है। पेच बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को लेकर है।

नई दिल्ली। विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने 28 दलों को जुटा तो लिया, लेकिन तमाम राज्यों की तरह सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में एक पेच फंसा हुआ है और ये पेच काफी मुश्किल भी है। इंडिया गठबंधन में यूं तो अखिलेश यादव अपनी सपा के साथ शामिल हुए हैं, लेकिन चर्चा इसकी है कि कांग्रेस के तमाम नेता बीएसपी सुप्रीमो मायावती को भी विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल कराना चाहते हैं। चर्चा इसकी है कि 15 जनवरी यानी कल मायावती के जन्मदिन के मौके पर मिलकर बधाई देने के लिए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने आग्रह किया है। बहनजी ने अब तक कांग्रेस नेताओं के आग्रह पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन पेच ये फंसा है कि 15 जनवरी को अखिलेश यादव की पत्नी और समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव का भी जन्मदिन है। ऐसे में अगर कांग्रेस की तरफ से मायावती से मिलकर जन्मदिन की बधाई दी गई और डिंपल यादव को बधाई नहीं मिली, तो यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच टकराव और गंभीर रूप ले सकता है।

Mayawati

पेच सिर्फ जन्मदिन का ही नहीं है। पेच यूपी की सीटों पर भी फंसा है। बताया जा रहा है कि मायावती ने इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए शर्त रखी है कि बीएसपी 30 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इन 30 में से 10 सीटें वो हैं, जिनपर बीएसपी 2019 का लोकसभा चुनाव जीती थी। ये सीटें लालगंज, श्रावस्ती, जौनपुर, नगीना, अमरोहा, सहारनपुर, बिजनौर, घोसी, गाजीपुर और अमरोहा हैं। इनके अलावा बीएसपी रामपुर, संभल, आजमगढ़, मछलीशहर, फतेहपुर और बांदा सीटें भी चाहती है। इस पर दूसरा पेच फंसा है कि अखिलेश यादव की सपा ने मायावती की मांग वाली कई सीटों पर अपने उम्मीदवार भी करीब-करीब फाइनल कर दिए हैं। यूपी की अगर बात करें, तो 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को महज 12 फीसदी के आसपास वोट मिले थे और उसकी दुर्दशा हुई थी। जबकि, अखिलेश की सपा ने गठबंधन कर 125 सीटें हासिल की थीं। ऐसे में वो निश्चित तौर पर नहीं चाहेंगे कि इंडिया गठबंधन या कांग्रेस का मायावती से चुनावी तालमेल हो।

इंडिया गठबंधन की शनिवार को हुई बैठक से अखिलेश यादव नदारद थे।

इन सबके बीच खास बात ये भी है कि इंडिया गठबंधन की शनिवार को हुई बैठक में अखिलेश यादव शामिल भी नहीं हुए थे। अगर मायावती को इंडिया गठबंधन का हिस्सा किसी तरह बना भी लिया जाता है, तो अखिलेश के इससे छिटकने की पूरी उम्मीद है। अब सबकी नजर कल यानी सोमवार पर है। कल शायद ये साफ हो जाए कि इंडिया गठबंधन और कांग्रेस यूपी में मायावती बनाम अखिलेश का पेच सुलझा पाते हैं या नहीं।