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Modi In Pune: पीएम मोदी को आज दिया जाएगा तिलक पुरस्कार, धुर विरोधी शरद पवार रहेंगे मौजूद, सियासत गरमाई

समारोह में एनसीपी के नेता शरद पवार के हिस्सा लेने की वजह से सियासत गरमा गई है। महाविकास अघाड़ी में शामिल उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस की पुणे इकाई ने मोदी को सम्मानित किए जाने के कार्यक्रम में शरद पवार की मौजूदगी पर आपत्ति जताई है और उनसे फिर से विचार करने को कहा है।

पुणे। आज महाराष्ट्र के पुणे में पीएम नरेंद्र मोदी को तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर से लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाना है। इस पुरस्कार समारोह में तमाम दिग्गज भी मौजूद रहेंगे। इन दिग्गजों में महाराष्ट्र के गवर्नर, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी होंगे, लेकिन इस समारोह में एनसीपी के नेता शरद पवार के हिस्सा लेने की वजह से सियासत गरमा गई है। महाविकास अघाड़ी में शामिल उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस की पुणे इकाई ने मोदी को सम्मानित किए जाने के कार्यक्रम में शरद पवार की मौजूदगी पर आपत्ति जताई है और उनसे फिर से विचार करने को कहा है।

sharad pawar and modi 1

तिलक स्मारक ट्रस्ट का कार्यक्रम पुणे के एसपी कॉलेज मैदान में होना है। इस कार्यक्रम में शरद पवार को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया है। हालांकि, मोदी को पुरस्कार देने का काम मुख्य ट्रस्टी दीपक तिलक करेंगे, लेकिन सबकी नजर इस पर है कि कार्यक्रम में शरद पवार और मोदी अपने भाषण में क्या कहते हैं। खास बात ये है कि एनसीपी में अजित पवार की बगावत और विपक्षी दलों का I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद शरद पवार मोदी के साथ दिखने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इस पुरस्कार को देने की जब तिलक स्मारक ट्रस्ट ने फैसला किया, तो मोदी को इसे स्वीकार करने और उनका वक्त दिलाने में भी शरद पवार ने सहयोग किया। ये बात खुद स्वर्गीय बाल गंगाधर तिलक के प्रपौत्र रोहित तिलक ने कही है। बाल गंगाधर तिलक कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में रहे हैं। फिर उनके नाम पर पुरस्कार धुर विरोधी नरेंद्र मोदी को क्यों दिया जा रहा है और कुछ और महत्वपूर्ण सवालों के बारे में रोहित तिलक ने क्या कहा, ये आप सुनिए।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को आजादी के आंदोलन के दौरान कांग्रेस के गरम दल का नेता माना जाता था। लाल-बाल-और पाल यानी लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई करने वाले नेताओं में अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए प्रसिद्ध थे। बाल गंगाधर तिलक ने ही एक मुकदमे के दौरान ‘स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है!’ जैसा अमिट और अमर नारा दिया था। तिलक का परिवार उनके ही नाम पर पुरस्कार देता है। इस पुरस्कार को अब तक समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में नाम करने वालों को दिया जा चुका है।