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UP: CM योगी को मिला राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का औपचारिक निमंत्रण, हुए इमोशनल, लिखा-आज जीवन धन्य हो गया

Uttar Pradesh: बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ से श्री गोरक्षपीठ सतत जुड़ा रहा है। ब्रितानी परतंत्रता काल में श्रीराम मंदिर के मुद्दे को स्‍वर देने का कार्य मुख्यमंत्री योगी के दादागुरु महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने किया था। उनके ब्रह्मलीन होने के उपरांत अपने गुरुदेव के संकल्‍प को महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपना बना लिया, जिसके बाद राम मंदिर निर्माण आंदोलन के निर्णायक संघर्ष का सूत्रपात हुआ।

लखनऊ। धर्मनगरी अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित होंगे। शुक्रवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का औपचारिक निमंत्रण दिया। सीएम आवास पर हुई इस भेंट के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘आज जीवन धन्य हो गया है। मन आह्लादित है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सम्मानित पदाधिकारी स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, चम्पत राय जी एवं राजेंद्र पंकज ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान रामलला सरकार के नूतन बालरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु मुझे आमंत्रित किया है। आभार! जय जय सीताराम।

बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ से श्री गोरक्षपीठ सतत जुड़ा रहा है। ब्रितानी परतंत्रता काल में श्रीराम मंदिर के मुद्दे को स्‍वर देने का कार्य मुख्यमंत्री योगी के दादागुरु महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने किया था। उनके ब्रह्मलीन होने के उपरांत अपने गुरुदेव के संकल्‍प को महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपना बना लिया, जिसके बाद राम मंदिर निर्माण आंदोलन के निर्णायक संघर्ष का सूत्रपात हुआ। 1984 में जब अयोध्‍या के वाल्‍मीकि भवन में श्रीराम जन्‍मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ था तो सर्वसम्‍मति से तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्‍वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज को अध्‍यक्ष चुना गया। तब से आजीवन श्रीराम जन्‍मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के महंत अवेद्यनाथ जी महाराज अध्‍यक्ष रहे।

CM Yogi Adityanath

उल्लेखनीय है कि पौष शुक्ल द्वादशी, विक्रम संवत 2080 (22 जनवरी 2024) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से होने जा रहे इस चिरप्रतीक्षित कार्यक्रम में देश के 4000 से अधिक संत-महात्मा एवं समाज के 2500 प्रतिष्ठित महानुभाव उपस्थित रहेंगे। देश-दुनिया के सनातन आस्थावानों की भावनाएं इस विशिष्ट कार्यक्रम से जुड़ी हैं।