नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष को संसद में करारा जवाब देते हुए कहा है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर पर शासन करते रहने का शौक नहीं रखती। लोकसभा में दिल्ली के तीनों एमसीडी को एक किए जाने संबंधी बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने ये बात कही। शाह ने कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर जो स्टैंड लिया है, उसमें कोई बदलाव नहीं आया है और सही वक्त पर इस केंद्र शासित प्रदेश को उसका राज्य का दर्जा लौटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद वहां काफी बदलाव आया है।
लोकसभा में दिल्ली की एमसीडी संबंधी बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के कई नेताओं ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म किए जाने का उदाहरण दिया था। इन्हीं नेताओं को अमित शाह ने जवाब दिया। शाह ने कहा कि जब संविधान के अनुच्छेद 370 को साल 2019 में संसद ने खत्म किया था, तो उस वक्त मैंने सदन में बयान दिया था। उन्होंने कहा कि सदन के सदस्य मेरा वो बयान देख सकते हैं या उसका वीडियो माननीय अध्यक्ष से मांग सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि उस बयान में हमने साफ कर दिया था कि जो कदम उठाया गया है, वो स्थायी नहीं है।
#Kashmir के चुनाव को लेकर मेरा भाषण रिकॉर्ड पर है। मैंने स्पष्ट कहा था कि पहले पंचायत के चुनाव होंगे, उसके बाद delimitation होगा, उसके बाद चुनाव होंगे, उसके बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगाः #loksabha में गृह मंत्री @AmitShah#BudgetSession @HMOIndia pic.twitter.com/64Otbg7dEb
— SansadTV (@sansad_tv) March 30, 2022
शाह ने फिर साफ किया कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव, डिलिमिटेशन होने के बाद विधानसभा के चुनाव कराकर फिर उसे दोबारा राज्य का दर्जा देने का वादा मोदी सरकार ने किया था। इस वादे पर सरकार कायम है। उन्होंने कहा कि वहां पंचायत चुनाव हो चुके हैं, डिलिमिटेशन अंतिम चरण में है। इसके बाद वहां तत्काल चुनाव कराए जाएंगे और फिर राज्य का दर्जा वापस होगा। शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को वहां शासन करने का कोई शौक नहीं है और सबकुछ जम्मू-कश्मीर और वहां के लोगों की भलाई के लिए किया जा रहा है।